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24 घंटे में चार बड़े चेहरों ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, विजेंदर सिंह, संजय निरुपम के बाद गौरव बल्लभ ने दिया इस्तीफा

24 घंटे में चार बड़े चेहरों ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, विजेंदर सिंह, संजय निरुपम के बाद गौरव बल्लभ ने दिया इस्तीफा

NEW DELHI : लोकसभा चुनाव में फिर से सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। पार्टी के कई बड़े चेहरे एक-एककर जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में पार्टी के तीन बड़े चेहरों ने अपना इस्तीफा दिया है। जहां बॉक्सर विजेंदर सिंह ने बुधवार को कांग्रेस का हाथ छुड़ाकर भाजपा का कमल पकड़ लिया। वहीं महाराष्ट्र में संजय निरुपम ने भी देर रात पार्टी से इस्तीफा दे दिया। निरुपम अब एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ चले गए हैं। कांग्रेस को तीसरा झटका गुरुवार को लगा है, जब पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने भाजपा के साथ जाने का फैसला किया है। उन्होंने कांग्रेस पर दिशाहीन पार्टी होने के आरोप लगाए थे। वल्लभ से पहले बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी भाजपा की सदस्यता ली।

अयोध्या के निमंत्रण अस्वीकार करने पर जताई नाराजगी

बीजेपी में शामिल होने के बाद गौरव वल्लभ ने कहा कि मैंने सुबह विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पत्र पोस्ट किया...उस पत्र में मैंने अपने दिल की सारी व्यथा लिखी...मेरा शुरू से यही विचार रहा है कि भगवान श्री राम के मंदिर (अयोध्या में) का निर्माण होना चाहिए। एक निमंत्रण मिला और कांग्रेस ने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता...गठबंधन के नेताओं ने सनातन पर सवाल उठाए, कांग्रेस इसका जवाब क्यों नहीं दे रही थी?

निरुपम ने भी निकाली भड़ास

वहीं कांग्रेस से निकाले जाने के एक दिन बाद, पूर्व सांसद संजय निरुपम ने गुरुवार को कांग्रस पार्टी पर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व में "जबरदस्त अहंकार" है। कांग्रेस इतिहास है और इसका कोई भविष्य नहीं है और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) तीन "बीमार इकाइयों" का विलय है। विपक्षी एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। निरुपम ने आरोप लगाया, ''कांग्रेस नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार है।

निरुपम ने कहा कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी है, जिसने अयोध्या के राम मंदिर निर्माण को भाजपा का कार्यक्रम बताकर उनका निमंत्रण अस्वीकार कर दिया था। निरुपम ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से कई पार्टियों ने इनकार किया था। सभी ने कहा कि वह बाद में जाएंगे। लेकिन कांग्रेस के विचार इससे अलग थे।

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