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शराबी पतियों से परेशान पत्नियां जाने लगी मायके, जिसके बाद पंचायत ने लिया बड़ा फैसला, दो महीने में ही पूरा गांव हुआ शराब मुक्त

शराबी पतियों से परेशान पत्नियां जाने लगी मायके, जिसके बाद पंचायत ने लिया बड़ा फैसला, दो महीने में ही पूरा गांव हुआ शराब मुक्त

DESK : शराब ने कई परिवारों की जिंदगी खराब कर दी है। कईयों ने अपनों को खोया है। शहर से लेकर गांवों तक शराब आसानी से उपलब्ध हो, ऐसे में एक गांव को पूरी तरह से शराब मुक्त घोषित कर दिया गया है। यह गांव है मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर बड़ा गांव ब्लॉक के अंतर्गत आता है अंतोरा, जहां अब कोई शराब नहीं पीता है।

बताया गया कि पिछले कई सालों से लोगों द्वारा शराब बेचने और शराब पीने की परंपरा चली आ रही थी। जिसके चलते कई परिवार टूट गए थे और कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। यहां रहनेवाली महिलाओं ने बताया कि शराब की इतनी घटनाएं हो गई थी कि कई परिवारों की पत्नियों अपने पति और बच्चों को छोड़कर के अपने मायके में रहने लगी थी। जिस कारण से कई परिवार टूट गए थे। इस कारण गांव के लोग भी परेशान थे और परिवार में झगड़ा और महिलाओं के साथ मारपीट की घटनाएं लगातार बढ़ रही थी। 

शराब से परेशान होकर के ग्राम पंचायत में आज से 2 माह पूर्व सर्वजातीय समाज की पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें निर्णय लिया गया था कि अगर कोई गांव में शराब बचेगा तो उसको 21000 का जुर्माना देना होगा और जो पीकर गांव में आएगा उसको 11000 का जुर्माना देना होगा। इस जुर्माने से जो पैसा पंचायत को मिलेगा उसमें गांव का विकास किया जाएगा।इस फैसले का इतना असर हुआ कि आज यह गांव टीकमगढ़ जिले में ही नहीं, बल्कि बुंदेलखंड में शराब मुक्त हो चुका है। 

यह पंचायत आज से करीब दो माह पूर्व गांव में बुलाई गई थी। अब इस फैसले का इतना स्वागत हुआ है कि यह गांव अब शराब मुक्त हो गया है और पिछले 2 माह से ना तो कोई गांव में शराब पीता है और ना ही शराब बेचता है। जिस कारण से अब महिलाएं भी सुखी है और उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।


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