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संसद में होगा 33 फीसदी महिलाओं का अधिकार, 27 साल के इंतजार के बाद नए संसद में जाने के पहले केंद्रीय कैबिनेट ने दी आरक्षण बिल को मंजूरी

संसद में होगा 33 फीसदी महिलाओं का अधिकार, 27 साल के इंतजार के बाद नए संसद में जाने के पहले केंद्रीय कैबिनेट ने दी आरक्षण बिल को मंजूरी

NEW DELHI : देश की लोकतंत्र के लिए आज का दिन बेहद खास होने जा रहा है। जहां आज से नए संसद भवन में सदन का कार्यवाही शुरू हो रही है। वहीं सदन में प्रवेश करने से पहले मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठा दिया है। पिछले 27 साल से पेंडिंग महिला आरक्षण बिल को आखिरकार मंजूरी दे दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। हालांकि 90 मिनट से अधिक समय तक चली बैठक में क्या हुआ, इस पर अभी आधिकारिक रूप से कोई शब्द नहीं आया. प्रधानमंत्री कल इसका एलान कर सकते 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल, प्रल्हाद जोशी, एस जयशंकर, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी और अर्जुन राम मेघवाल सहित केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।

27 सालों से पेंडिंग है बिल

करीब 27 सालों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अब संसद के पटल पर आएगा. आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है. इस मुद्दे पर आखिरी बार कदम 2010 में उठाया गया था, जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच बिल पास कर दिया था और मार्शलों ने कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था, जिन्होंने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का विरोध किया था. हालांकि यह विधेयक रद्द हो गया क्योंकि लोकसभा से पारित नहीं हो सका था

लोकसभा में 14 फीसदी महिला सांसद

वर्तमान स्थिति की बात करें तो लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गईं, जो कुल संख्या 543 के 15 प्रतिशत से भी कम हैं. बीते साल दिसंबर में सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 14 प्रतिशत है. इसके अलावा 10 राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है, इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी शामिल हैं।

बता दें कि जब से यह घोषणा की गई है कि संसद सत्र 18-22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा, तब से महिला आरक्षण विधेयक सहित विभिन्न विधेयकों पर अटकलें लगाई जा रही हैं, जो सत्र के दौरान आ सकते हैं.इससे पहले दिन में सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा था कि यह संसद सत्र भले ही छोटी अवधि का हो, लेकिन मौके पर बड़ा और 'ऐतिहासिक फैसलों' वाला है।

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