पटना. 1जुलाई,2024 से लागू तीन नए कानूनों (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) को लेकर पटना हाई कोर्ट और राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में 27-28 जुलाई को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन समेत हाई कोर्ट के सभी जज,सभी जिला जज, सभी पुलिस अधीक्षक, सभी लोक अभियोजक भाग ले रहे है। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन ने इस दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।उन्होंने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन तीन नये कानूनों से आम नागरिकों को काफी सुविधा होगी।उन्होंने फोरेंसिक जाँच की महत्ता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
जस्टिस आशुतोष कुमार ने कहा कि योग्य अनुसन्धानकर्ता के होने से मामलों के निष्पादन में काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। राज्य सरकार के महाधिवक्ता पी के शाही ने कहा कि चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की सलाह पर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया।उन्होंने बताया कि पहले की तरह अब सालों ट्रायल नहीं चलेगा। उन्होंने उम्मीद जताया कि इन नये कानूनों से लोगों को शीघ्र न्याय मिल सकेगा। पुलिस इन नये कानूनों के तहत काम करना शुरु किया है।
अरविन्द चौधरी,गृह सचिव ने सभी अथितियों का स्वागत किया।उन्होंने आपराधिक मामलों के प्रक्रिया को बेहतर बनाये जाने पर प्रकाश डाला।राज्य के विभिन्न अदालतों में लगभग सोलह लाख अस्सी हजार मामलें सुनवाई के लिए लंबित है। राज्य के डीजीपी आर एस भट्टी ने कहा कि नये कानून में डिजिटल अनुसन्धान पर जोर दिया गया है।नये कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू किया जायेगा।
विकास आयुक्त सह प्रभारी मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि कानून का राज्य कैसे स्थापित हो,इसको प्राथमिकता के आधार पर तय करना होगा।पीड़ितों को प्रभावी न्याय दिलाना इन कानूनों का उद्देश्य है ।ये भी देखना जरूरी होगा कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं हो।