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वाह रे शिक्षा व्यवस्था! बसवारी में खुले आसमान के नीचे बच्चे पढ़ने को मजबूर,7 वर्ष बाद भी स्कूल को नहीं मिली जमीन

वाह रे शिक्षा व्यवस्था! बसवारी में खुले आसमान के नीचे बच्चे पढ़ने को मजबूर,7 वर्ष बाद भी स्कूल को नहीं मिली जमीन

MOTIHARI :  सरकार शिक्षा पर लाख खर्च करे लेकिन व्यवस्था में सुधार नजर नहीं आ रहा है तभी तो स्थापना के सात साल बीत जाने के बाद भी बंजरिया के एनपीएस बकुलहरा पटेल टोला को आज तक भवन कौन कहे जमीन ही भी उपलब्ध नहीं हुआ. जमीन व भवन के अभाव में विद्यालय को मध्य विद्यालय फुलवार से टैग कर दिया गया है लेकिन बकुलहरा से फुलवार की दूरी एक से डेढ किमी होने के कारण बच्चों को उतनी दूर जाने में परेशानी होने लगी. बच्चों की परेशानी को देखते हुए उनके अभिभावकों ने वहीं पर पढ़ाने के लिए आग्रह किया. इस पर शिक्षा विभाग की सहमति से बच्चों को यही पर पढ़ने की अनुमति दे दी गई तथा मध्य विद्यालय फुलवार से एक शिक्षक अखिलेश शर्मा की प्रतिनियुक्ति कर दी गई. 

ग्रामीणों के सहयोग से एक कमरे की हुई है व्यवस्था

ग्रामीणों के सहयोग से कर्कट वाले एक कमरे का निर्माण हुआ है जिसमें बरसात के दिनों में बच्चे पढ़ते हैं बाकी दिनों जैसे गर्मी व जाङा में बांस के पौधे के नीचे यानी बंसवारी में बच्चे पढ़ने को विवश हैं.

70 बच्चे हैं विद्यालय में नामांकित

शिक्षक अखिलेश शर्मा ने बताया कि उक्त विद्यालय में अभी 70 बच्चे नामांकित हैं. उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन विद्यालय आते हैं और बच्चों को पढ़ने के बाद विद्यालय का रजिस्टर अपने साथ प्रतिदिन बाइक के डिक्की में रख लेकर चले जाते हैं. वहीं बोर्ड पर पढ़ने के बाद गांव में ही एक व्यक्ति के घर पर रखते है. उन्होंने बताया कि मध्य विद्यालय फुलवार में उक्त विद्यालय शिफ्ट किया गया है, जहां अधिक दूरी होने के कारण बच्चे नहीं जाते थे, अभिभावकों व ग्रामीणों के मांग पर नवसृजित विद्यालय को उक्त जगह पर संचालित किया जा रहा है। 

क्या कहते हैं बीईओ

इस संबंध में बंजरिया बीईओ इंदिरा कुमारी ने बताया कि एनपीएस बकुलहरा पटेल टोला को मध्य विद्यालय फुलवार में 2 साल पूर्व ही शिफ्ट किया गया है. उन्होंने बताया कि बांसवारी में शिक्षक अखिलेश शर्मा अपनी मर्जी से उक्त विद्यालय चला रहे हैं. बीईओ ने बतायी कि उक्त विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए जिला को पत्र कई बार लिखा गया है.

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