लखनऊ। किसान आंदोलन के समर्थन में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को उनका ट्विट भारी पड़ गया है। ट्विटर पर अखिलेश ने नहीं चाहिए भाजपा के हैशटेग का समर्थन करते हुए लिखा था कि ‘अमीरों के चारण बनकर, जो बैठे हैं दरबारों में झूठ फैलाने निकले वो गाँव, गली, चौपालों में’ अखिलेश ने यह ट्विट भाजपा के किसान चौपाल लगाने को लेकर था। लेकिन इस ट्विट पर लोगों ने अखिलेश की ही क्लास लगा दी।
अपनी प्रतिक्रिया में स्नेहा सिंघवी ने लिखा कि टाइलें टोंटी उखाड़, निकले जो दरबारों से, समाजवाद फैलाने निकले वो गांव,गली,चौपालों में।
इसी तरह रीता सिंह ने ट्विट किया कि ‘अय्याशी के मौलाना बनकर, जो रहते हैं आलीशान महलों में.. झूठ फैलाने वाले, लगे हैं गरीबों को फिर बेहकाने में।‘
वीरभद्र ने लिखा है कि मुसलमानों के जूठे पत्तल चाटकर, जो बैठे थे मदरसों और मजारों में... पाखंड करने वो निकले थे मंदिल और देवालयों में...
प्रदीप कुमार शाह ने लिखा है कि आईना तो नहीं देख लिए.. कल तक जो नेता सैफई महोत्सव के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर थे नचनियों पर, आज वो अमीरी और गरीबी की परिभाषा बता रहे हैं। तुम 5 साल मुख्यमंत्री रहने भर से अमीर बन बैठा, जिसने 20 साल मुख्यमंत्री और 6 साल प्रधानमंत्री रहा वो आज भी गरीब ही है।