बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

औरंगाबाद के इस कॉलेज में वरदान बना ‘दायित्व एक पहल’, जानिए किसे मिल रही यह सुविधा

औरंगाबाद के इस कॉलेज में वरदान बना ‘दायित्व एक पहल’, जानिए किसे मिल रही यह सुविधा

औरंगाबाद के रफीगंज के अरथुआ स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय ने  एक अनोखी पहल की है। कॉलेज ने सामाजिकता की ओर दो कदम बढ़ाते हुए पहल 'दायित्व' की शुरूआत की है। इसके तहत कॉलेज के आसपास के गांवों के स्कूली छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। प्राचार्य ने बच्चों को पढ़ाने के लिए कॉलेज के स्टूडेंट्स का 'सोशल क्लब' गठित किया हैं। क्लब के सदस्य ईंजीनियरिंग स्टूडेंट्स हर दिन शाम में कॉलेज के क्लासरूम में ही बच्चों को साइंस और मैथ्स की कोचिंग क्लास ले रहे है। आसपास के सरकारी स्कूलों के 200 बच्चें प्रतिदिन आकर निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत मणि ने बताया कि स्टूडेंट्स द्वारा एक सोशल क्लब का गठन किया गया है। क्लब के सदस्य स्टूडेंट्स ने ही  'दायित्व एक पहल' की शुरुआत की है।

इसके तहत महाविद्यालय में अध्ययनरत स्टूडेंट्स ही आसपास के गांवों के स्कूली छात्रों को गणित, विज्ञान, अंग्रेजी के साथ ही बेसिक तकनीकी शिक्षा दे रहे है। यह सारी व्यवस्थाएं मुफ्त है। कॉलेज के सोशल क्लब की फैकल्टी इंचार्ज प्रो. आरती कुमारी ने बताया कि हर रोज शाम 4 बजे से 5 बजे तक महाविद्यालय के छात्र आसपास के लगभग 200 स्कूली छात्र-छात्राओं को शिक्षा दे रहे हैं। इसके लिए उनसे किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नही लिया जा रहा हैं। साथ ही बच्चों को नियमित रूप से क्लास करने आने के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कॉलेज की ओर से बीच-बीच में मुफ्त कॉपी, कलम, पेंसिल और स्कूल बैग मुहैया कराया जा रहा है।महाविद्यालय के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के इंचार्च प्रो. अविनाश कुमार ने बताया कि शुरुआत में ढ़ेर सारी मुश्किलें थी। जब हमलोगों ने इस पहल के बारे सोंचा तो लगा कि बच्चें आएंगे कैसे। फिर सोशल क्लब के कुछ स्टूडेंट्स एवं प्रोफ़ेसर्स ने आसपास के गांवों में घूम-घूमकर अभिभावकों से बात की। बात करने पर कुछ अभिभावक अपने बच्चों को भेजने के लिए राजी हो गए। शुरुआत में बमुश्किल 8-10 बच्चें ही आया करते थे लेकिन धीरे-धीरे यही बच्चें अपने स्कूल में जाकर महाविद्यालय के सोशल क्लब की 'दायित्व एक पहल' के बारे में अपने साथियों को बताने लगे। इसी का परिणाम है कि आज महाविद्यालय में शाम में छोटे-छोटे स्कूली बच्चों से भरा रहता है। अभी करीब 200 बच्चें यहां आकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है। कॉलेज के 'दायित्व एक पहल' का ही परिणाम है कि बच्चों के अभिभावक अब काफी खुश और उत्साहित हैं। वें अभियंत्रण महाविद्यालय के  शिक्षा की पहल की तारीफ करते नही थक रहे है। अभिभावकगण  बताते है कि पहले और अब की तुलना में हमारे बच्चों के ज्ञान में काफी बढ़ोतरी हुई है। ज्ञान के साथ साथ उनके रहने और बात करने के तरीके में भी काफी सकारात्मक बदलाव आए हैं। उनलोगों को बच्चों के लिए अलग से ट्यूशन की अब जरूरत नही रह गई है।महाविद्यालय के सोशल क्लब द्वारा शुरू किया गया 'दायित्व एक पहल' अभियान कॉलेज के आसपास के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों व स्कूली बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नही है।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत मणि सोशल क्लब के सदस्यों प्रो. आरती कुमारी, प्रो. अविनाश कुमार, डॉ. शीलू कुमारी, प्रो. आलोक कुमार एवं स्कूली बच्चों को पढ़ाने वाले क्लब के सदस्य ईंजीनियरिंग स्टूडेंट्स प्रकाश कुमार, बलिराम, अंकित राज, विवेक कुमार, राकेश कुमार, सचिन कुमार आदि का हौसला बढ़ाते हुए कहते है कि क्लब ने काबिले तारीफ काम किया है। इसकी जितनी भी सराहना की जाए, वह कम ही होगी। सोशल क्लब को इस नेक काम 'दायित्व एक पहल' के लिए हमारी ओर से बधाई और ढ़ेर सारी शुभकामनाएं है। उनके अच्छे काम से हमारे कॉलेज का मान सम्मान बढ़ रहा है।

Suggested News