Bihar flood: नेपाल में भारी बारिश की वजह से उतरी बिहार की स्थिति गंभीर हो गई है. गंड़क-कोसी समेत अन्य सभी नदियों में उफान आ गया है। नेपाल में भी भारी वर्षा के कारण आज (29 सितंबर 2024) सुबह पांच बजे कोसी बराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक जलस्राव हुआ है, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है। तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग की टीमें दिन-रात लगी हुई है. इधऱ, भारी बारिश की वजह से रेल सेवा भी प्रभावित हुई है. नेपाल के पानी का असर अब रेल परिचालन पर भी दिखने लगा है।
जोगबनी से रेल सेवा ठप
नेपाल से सटे जोगबनी सीमा से सटे नेपाल में हुई भारी बारिश का पानी जोगबनी रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर पहुंच गया है. बाढ़ का पानी रेलवे ट्रैक पर जमा हो गया है। इस कारण जोगबनी से खुलने वाली सभी ट्रेनों को अगले आदेश तक के लिए रद्द किया गया है. रविवार सुबह से ही सभी ट्रेनों का परिचालन जोगबनी की बजाय फारबिसगंज से किया जा रहा है. बता दें, नेपाल से सटे भारतीय क्षेत्र में जोगबनी अंतिम स्टेशन है.यहां से कटिहार के लिए सीधी रेल सेवा है. हालांकि नेपाल में हुई भारी वर्षा के कारण उफनाई नदियों का जलस्तर सामान्य होने की तरफ बढ़ चला है. कोसी बाराज पर जलश्राव घटाव की स्थिति में पहुंच गया है. रविवार सुबह 9:00 बजे तक 6.28 लाख और 10 बजे 6.12 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है.
आपदा प्रबंधन विभाग ने DM के साथ की बैठक
इधर, कोसी एवं गंडक नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने संबंधित जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. अपर मुख्य सचिव ने संबंधित जिले में बाढ़ से निपटने हेतु महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. उन्होंने जिलाधिकारियों को बाढ़ प्रभावित जिलों में आवश्यतानुसार राहत शिविर, सामुदायिक रसोई व चिकित्सा शिविर की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. कोसी और गंडक नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अपर मुख्य सचिव ने आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ/एनडीआरएफ) के जिले में प्रतिनियुक्त टीम कमांडर व विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. बैठक में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम कमांडर को निर्देश देते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर बिहार में नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ की आशंका उत्पन्न हुई है. आपदा मोचन बल हमेशा अलर्ट मोड में रहे. उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों में सतत निगरानी रखी जाए. आगे उन्होंने बताया कि सुपौल में 4 , मुजफ्फरपुर में 2, पूर्वी चंपारण में 1, पश्चिमी चंपारण में 2, गोपालगंज में 2, छपरा में 2, सहरसा में 3 एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भेजी गई है.