Bihar flood relief: उत्तर बिहार के जिलों में अचानक आई बाढ़ से आम जनजीवन त्राहिमाम कर रही है. लाखों की आबादी बाढ़ पीड़ित हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का एरियल सर्वे किया है.बाढ़ पीड़तों को हर संभव मदद करने का आदेश दिया गया है. इधर, कृषि विभाग के मंत्री मंगल पाण्डेय ने आज उत्तर बिहार के जिलों में अचानक आई बाढ़ से हुई फसल क्षति के संबंध में कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल एवं अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की .
बैठक में मंत्री द्वारा बाढ़ के कारण हुए फसलों के नुकसान का एक सप्ताह के अन्दर आकलन करने का निदेश विभागीय अधिकारियों को दिया गया। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की सरकार आपदा की इस घड़ी में किसानों के साथ पूरी दृढ़ता के साथ खड़ी है। किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का निदेश विभागीय अधिकारियों को दिया गया है। कहा कि प्रारंभिक संभावित अनुमान के अनुसार अत्यधिक वर्षापात तथा पड़ोसी देश नेपाल से आई बाढ़ के कारण बिहार के 19 जिलों के 92 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिसमें कुल 673 पंचायतों में लगभग 2,24,597 हेक्टेयर रकवा प्रभावित होने की सूचना है। प्रभावित क्षेत्रों में 91,817 हेक्टेयर रकवा में फसलों की क्षति 33 प्रतिशत से अधिक होने का संभावित अनुमान है।
मंगल पाण्डेय ने कहा कि बाढ़ के कारण हुए फसल क्षति का आकलन प्रतिवेदन प्राप्त हो जाने के बाद कृषि विभाग वैकल्पिक फसलों के बीज से लेकर अन्य सभी विकल्पों पर विचार कर रही है तथा किसानों को त्वरित सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। कृषि विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित किसानों को वैकल्पिक फसलों का बीज निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। माननीय मंत्री द्वारा फसल क्षति से संबंधित प्रतिवेदन से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराने का निदेश दिया गया। मंत्री ने कहा कि बाढ़ का पानी निकलने के उपरांत बचे हुए फसलों पर रोग-व्याधि लगने की अधिक संभावना रहती है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सतर्क रहने का निदेश दिया गया है तथा किसानों को जरूरी सलाह के साथ-साथ आवश्यक कीटनाशी दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया है। यदि आवश्यकता पड़ेगी तो ड्रोन के माध्यम से भी फसलों पर रोगनिरोधी दवाओं का छिड़काव कराया जायेगा।
मंत्री ने आगामी रबी मौसम के लिए आवश्यकतानुसार उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा उर्वरकों की कालाबाजारी एवं अधिक मूल्य पर बिक्री की रोकथाम हेतु आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। बैठक में उद्यान एवं कृषि यांत्रिकरण से संबंधित योजनाओं की भी समीक्षा की गई तथा इन योजनाओं को पारदर्शी तरीके से तथा ससमय कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया, ताकि योजनाओं का लाभ किसानों को समय पर आसानी से मिल सके।