अश्विनी माह के नवरात्रों की शुरुआत बस 5 दिन बाद होने वाली है। 5 दिन बाद मां दूर्गा पालकी में सवार होकर आएंगी। इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है और समापन 12 अक्टूबर विजयादशमी के दिन होगा। भक्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नाम का व्रत रखते हैं। इस दौरान माता दुर्गा का घर में 9 दिन के लिए विशेष आगमन किया जाता है। हिन्दुओं के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। अब ये 9 दिनों तक ऐसा कोई मत करें जिससे मां दुर्गा को गुस्सा आ जाए। ज्योतिषों की माने तो शारदीय नवरात्रि में कुछ गलतियों से सावधान रहने की जरूरत है तो आईए जानते हैं उन नियमों के बारे में,
शारदीय नवरात्रि में अगर मां दुर्गा की उपासना करनी है तो घर की अच्छी तरीके से सफाई कर लें और घर के मंदिरों को साफ कर लें। घर में किसी तरह की गंदगी न रहने दें। शारदीय नवरात्रि से पहले घर से अनुपयोगी चीजों जैसे खराब इलेक्ट्रॉनिक चीज हटा दें। इन सब से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके अलावा घर के मंदिर में मां दुर्गा का छोटा चित्र या तस्वीर रखें। इसका आकार आपके अंगूठे जितना हो।
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने वाले लोग तामसिक भोजन से दूरी बनाकर रखें। बल्कि 9 दिनों तक सात्विक भोजन ही खाएं। मां दुर्गा की पूजन से पहले हमेशा स्नान करके ही मंदिर में प्रवेश करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके अलावा मां दुर्गा को अब पवित्र भोग अर्पित ना करें। बल्कि स्वच्छता से बना भोग ही मां दुर्गा को चढ़ाए। अगर आप नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाते हैं, तो पूरे 9 दिनों तक अखंड ज्योति जलाएं और वह बुझ न पाए।
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार दुर्गा सप्तशती का पाठ शुद्धता और पवित्रता के साथ करने पर ही इसका फल प्राप्त होता है। लेकिन जब भक्तों द्वारा दुर्गा सप्तशती में सिद्ध मंत्रों और स्तोत्र का पाठ किया जाता है, तो अक्सर उसमें त्रुटि हो जाती है। इसके बाद उस स्तोत्र या मंत्र का कोई फल नहीं मिलता। मार्कंडेय पुराण के अनुसार यदि नवमी के दिन दुर्गा सप्तशती के एक स्तोत्र का पाठ श्रद्धा पूर्वक किया जाए तो देवी मां प्रसन्न होकर सभी त्रुटियां और गलतियां माफ कर देती है। इससे व्यक्ति को नवरात्रों का शुभ फल प्राप्त होता है।