हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत किया जाता है। इसे जीवित्पुत्रिका और जिउतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व अधिक उत्साह के साथ 3 दिनों तक मनाया जाता है। शुभ अवसर पर महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। इस व्रत की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है। वहीं, इसका समापन व्रत का पारण करने के बाद होता है। आइए आपको बताते हैं कि जितिया व्रत क्यों किया जाता है।
ये व्रत शादीशुदा महिलाएं करती है। जितिया व्रत बच्चों की समृद्धि के लिए रखा जाता है। । धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। व्रत करने से भगवान श्रीकृष्ण संतान की सदैव रक्षा करते हैं। इसके अलावा संतान से जुड़ी सभी तरह की समस्या दूर होती है। इस साल जितिया व्रत 25 सितंबर को मनाया जाएगा। वहीं, इसका पारण 26 सितंबर को होगा। वही, नहाय खाय 24 सितंबर यानी की आज होगा।
जीतिया का महत्व इस बात में है कि यह माताओं को अपने बच्चों के प्रति प्रेम और समर्पण दर्शाने का अवसर देता है। यह व्रत माताओं को पुत्रों की सुरक्षा और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करने का एक तरीका भी है। इस दिन, माताएं अपने पुत्रों को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखी व समृद्ध जीवन की कामना करती है। यह व्रत माता-पुत्र के बीच स्नेह व ममता के पवित्र बंधन को मजबूत बनाने में मदद करता है।
बता दें कि इस बार जितिया व्रत 2024 के दिन वरीयान योग और आर्द्रा नक्षत्र बन रहा है। व्रत के दिन यह योग प्रात:काल से लेकर देर रात 12:18 बजे तक रहेगा। इसके बाद परिघ योग होगा। वहीं आर्द्रा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर रात 10:23 बजे तक है। उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र है। वरीयान योग में आप कोई भी मांगलिक कार्य कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसे बेहद शुभ फलदायी माना गया है। ऐसे में इस दिन पूजा करने से महिलाओं को व्रत का दोगुना लाभ मिलेगा।