बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

Shardiya Navratri 2024: इस दिन से शुरू हो रही नवरात्रि, पालकि पर सवार होकर आएंगी मां; जानें शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri 2024: इस दिन से शुरू हो रही नवरात्रि, पालकि पर सवार होकर आएंगी मां; जानें शुभ मुहूर्त

नवरात्र हिंदू धर्म के मुख्य व्रत-त्योहारों में से एक माना जाता है। इस बार शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर गुरुवार से शूरू हो रहा है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ये मनाया जाता है। नवरात्र में अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं शारदीय नवरात्र से जुड़ी कुछ रोचक बातें और महा अष्टमी और महानवमी का व्रत कब किया जाएगा इसकी जानकारी हम आपके देंगे।


साल में 4 बार नवरात्र मनाए जाते हैं। इनमें से दो गुप्त नवरात्र होते हैं और दो प्रकट नवरात्र के रूप में मनाए जाते हैं। प्रकट नवरात्र आश्विन और चैत्र माह में आती हैं। आश्विन माह में आने वाली शारदीय नवरात्र को विशेष महत्व दिया जाता है। क्योंकि कई साधक इन दोनों तिथियों पर कन्या पूजन करते हैं। इन 9 दिनों की अवधि में मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। 


वहीं, ज्योतिष शास्त्र में माता रानी के वाहनों का अलग-अलग महत्व बताया गया है। 9दिनों तक माता की उपासना करने वाले भक्तों पर मां दुर्गा इस बार विशेष कृपा बरसाएंगी। नवरात्र तीन अक्टूबर से प्रारंभ होकर 11 अक्टूबर दुर्गा अष्टमी व्रत है। 12 अक्टूबर को दुर्गा नममी साथ ही विजयादशमी यानी दशहरा भी मनाया जाएगा। 


इस साल मां दुर्गा का आगमन पालकी पर होगा। ज्योतिष में माता रानी के वाहनों का अलग-अलग मतलब बताया गया है। मातारानी का पालकी पर आना शुभ संकेत नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता दुर्गा का पालकी पर आने का अर्थ है कि देश-दुनिया में अस्थिरता उत्पन्न होगी। स्वास्थ्य को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। व्यापार में मंदी, अर्थव्यवस्था में गिरावट की भी आशंका है। माता अपने भक्तों पर संकट नहीं आने देंगी।


घटस्थापना के मुहूर्त की बात करें तो ये सुबह 06 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। वहीं, घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 29 मिनट से शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 11 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी, जो 12 अक्टूबर की प्रातः 05 बजकर 47 मिनट तक रहने वाली है। इस बार सप्तमी और अष्टमी तिथि एक ही दिन पड़ रही है, ऐसी स्थिति में अष्टमी व्रत करना शुभ नहीं माना जाता। ऐसे में इस बार अष्टमी और नवमी का व्रत एक ही दिन यानी शुक्रवार, 11 अक्टूबर को किया जाएगा।

Editor's Picks