मान्यता है कि कुबेर भगवान धन और ऐश्वर्य के देवता हैं। उन्हें धन का दान करने से वे प्रसन्न होते हैं। कुबेर को धनिया, कमलगट्टा, इत्र, सुपारी, लौंग, लाल पुष्प, इलायची, और दूर्वा बहुत पसंद हैं। कुबेर भगवान की मूर्ति को घर की उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है। इस दिशा में मूर्ति रखने से सुख-शांति और धन-दौलत में बढ़ोतरी होती है। हर दिन भगवान कुबेर की पूजा के साथ उनकी आरती भी करनी चाहिए।
शुक्रवार के दिन आपको मां लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर देव की पूजा भी करनी चाहिए। कुबेर देव की पूजा करते समय कुबेर चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को दोगुना लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कि आप शुक्रवार के दिन भगवान कुबेर की पूजा किस तरह से कर सकते हैं।
भगवान कुबेर की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद पीले रंग के साफ कपड़े पहनें। अब मंदिर की साफ-सफाई कर एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद इस पर भगवान कुबेर की प्रतीमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर कुबेर देव के सामने घी का दीपक जलाएं। फिर उन्हें इत्र और कमल का फूल अर्पित करें। इसके बाद कुबेर देव को केसर की खीर का भोग लगाएं। ये उन्हें बेहद प्रिय है। फिर कुबेर चालीसा का पाठ कर पूजा को संपन्न करें।
कुबेर देव का मंत्र
जपतामुं महामन्त्रं होमकार्यो दिने दिनेभुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
दशसंख्य: कुबेरस्य मनुनेध्मैर्वटोद्भव
गुरुवार या त्रयोदशी के दिन कुबेर देव की पूजा करने उन्हें अपराजिता के फूल, गूलर के फूल या कमल का फूल अर्पित करते हैं। फलों में उन्हें अनार प्रिय है। मिठाई में पीले रंग के लड्डू, केसर खीर, पेठा, भूराकोला अर्पित करें। इसके अलावा धनिया, कमलगट्टा, इत्र, सुपारी, लौंग, इलायची, दूर्वा, हल्दी, गेंदे का पौधा, क्रसुला का पौधा, पंचामृत, लाल चंदन, हल्दी, पंचमेवा भी उन्हें अर्पित कर सकते हैं।