हिंदू दर्म के अनुसार रविवार का दिन सूर्यदेव का होता है। शास्त्रों में यह बताया गया है कि सूर्य देव वेदों की आत्मा कहलाते हैं। साथ ही यह नवग्रहों के राजा भी हैं और पंचदेव में इनका खास स्थान है। भगवान सूर्य को यश, सौभाग्य, सुख-समृद्धि, तेज और करियर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आप भी जीवन की परेशानियों का अंत चाहते हैं तो इन उपाय को रविवार के दिन जरूर आजमाएं।
रविवार के दिन अगर आप विधि-विधान पूर्वक सूर्य देव की पूजा-अर्चना करेंगे, तो आपको करियर सहित पारिवारिक जीवन में भी सफलता मिलेगी। जीवन में खुशहाली आएगी। अगर कोई आपका दुश्मन है और आप उसे पर विजय प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको आज के दिन स्नान करके अवश्य पूजा करना चाहिए। इससे आपके ऊपर आने वाली सारी विपत्ति खत्म हो सके।
सूर्य देव की पूजा करने के लिए आपको ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए। हांलाकि, आज के समय में ये बहुत कम ही लोग फॉलो कर सकते हैं तो इस वजह से आज कम से कम 7 से 8 बजे तक बेड छोड़ दे। इसके बाद स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य को सुबह 9 बजे तक जल डाल दें। माना जाता है कि सुबह के सूर्य को जल डालने से फल मिलता है। आप जल में रोली, अक्षत, मिश्री और लाल फूल डालकर भी भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं। “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ आदित्याय नमः” मंत्र का जाप करें। इस दिन कई लोग व्रत भी करते हैं, जिससे उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
रविवार के दिन सूर्यदेव के 108 नामों का जाप करना चाहिए।
ॐ अरुणाय नमः
ॐ शरण्याय नमः
ॐ करुणारससिन्धवे नमः
ॐ असमानबलाय नमः
ॐ आर्तरक्षकाय नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ आदिभूताय नमः
ॐ अखिलागमवेदिने नमः
ॐ अच्युताय नमः
ॐ अखिलज्ञाय नमः
ॐ अनन्ताय नमः
ॐ इनाय नमः
ॐ विश्वरूपाय नमः
ॐ इज्याय नमः
ॐ इन्द्राय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः
ॐ वन्दनीयाय नमः
ॐ ईशाय नमः
ॐ सुप्रसन्नाय नमः
ॐ सुशीलाय नमः
ॐ सुवर्चसे नमः
ॐ वसुप्रदाय नमः
ॐ वसवे नमः
ॐ वासुदेवाय नमः
ॐ उज्ज्वल नमः
ॐ उग्ररूपाय नमः
ॐ ऊर्ध्वगाय नमः
ॐ विवस्वते नमः
ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः
ॐ हृषीकेशाय नमः
ॐ ऊर्जस्वलाय नमः
ॐ वीराय नमः
ॐ निर्जराय नमः
ॐ जयाय नमः
ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः
ॐ ऋषिवन्द्याय नमः
ॐ रुग्घन्त्रे नमः
ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः
ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः
ॐ नित्यस्तुत्याय नमः
ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः
ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः
ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः
ॐ पुष्कराक्षाय नमः
ॐ लुप्तदन्ताय नमः
ॐ शान्ताय नमः
ॐ कान्तिदाय नमः
ॐ घनाय नमः
ॐ कनत्कनकभूषाय नमः
ॐ खद्योताय नमः
ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः
ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः
ॐ अपवर्गप्रदाय नमः
ॐ आर्तशरण्याय नमः
ॐ एकाकिने नमः
ॐ भगवते नमः
ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः
ॐ गुणात्मने नमः
ॐ घृणिभृते नमः
ॐ बृहते नमः
ॐ ब्रह्मणे नमः
ॐ ऐश्वर्यदाय नमः
ॐ शर्वाय नमः
ॐ हरिदश्वाय नमः
ॐ शौरये नमः
ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः
ॐ भक्तवश्याय नमः
ॐ ओजस्कराय नमः
ॐ जयिने नमः
ॐ जगदानन्दहेतवे नमः
ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः
ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः
ॐ असुरारये नमः
ॐ कमनीयकराय नमः
ॐ अब्जवल्लभाय नमः
ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः
ॐ अचिन्त्याय नमः
ॐ आत्मरूपिणे नमः
ॐ अच्युताय नमः
ॐ अमरेशाय नमः
ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः
ॐ अहस्कराय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ हरये नमः
ॐ परमात्मने नमः
ॐ तरुणाय नमः
ॐ वरेण्याय नमः
ॐ ग्रहाणांपतये नमः
ॐ भास्कराय नमः
ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः
ॐ सौख्यप्रदाय नमः
ॐ सकलजगतांपतये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ कवये नमः
ॐ नारायणाय नमः
ॐ परेशाय नमः
ॐ तेजोरूपाय नमः
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
ॐ सम्पत्कराय नमः
ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः
ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः
ॐ श्रीमते नमः
ॐ श्रेयसे नमः
ॐ सौख्यदायिने नमः
ॐ दीप्तमूर्तये नमः
ॐ निखिलागमवेद्याय नमः
ॐ नित्यानन्दाय नमः