Abbas Ansari: पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने जा सकते हैं अब्बास अंसारी, 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की पहली बरसी

लखनऊ: मऊ विधायक और सुभासपा के नेता अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कासगंज जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया है। उनकी रिहाई की खबर से उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब सबकी जुबां पर एक ही सवाल है—क्या अब्बास अंसारी अपने दिवंगत पिता मुख्तार अंसारी की पहली बरसी यानी 28 मार्च को कालीबाग कब्रिस्तान में फातिहा पढ़ने आएंगे?
रिहाई की प्रक्रिया
अब्बास अंसारी को दो साल आठ महीने बाद शुक्रवार को कासगंज जेल से रिहा किया गया। हालांकि, इससे पहले वह पेरोल पर दो बार जेल से बाहर आ चुके थे। सुप्रीम कोर्ट ने 7 मार्च 2025 को उन्हें गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी, जिसके बाद चित्रकूट कोर्ट ने 2-2 लाख रुपये के जमानतदारों की जमानत पर उनकी रिहाई का आदेश जारी किया।
अब्बास अंसारी को प्रवर्तन निदेशालय ने नवंबर 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें चित्रकूट जेल से कासगंज जेल भेजा गया था, जहां उनके खिलाफ कई अन्य मामले भी दर्ज हुए थे।
परिवार और समर्थकों में खुशी का माहौल
अब्बास अंसारी की रिहाई के बाद उनके पैतृक गांव मुहम्मदाबाद में खुशी का माहौल है। उनके समर्थक और परिजन उम्मीद कर रहे हैं कि अब्बास अंसारी अपने पिता की पहली बरसी पर 28 मार्च को कालीबाग कब्रिस्तान में आकर फातिहा पढ़ेंगे। इस दौरान यह भी संभावना जताई जा रही है कि वह 30-31 मार्च को पड़ने वाली ईद भी यहीं मनाएंगे।
जमानत की शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत के साथ कुछ शर्तें भी लागू की हैं। उन्हें लखनऊ स्थित विधायक निवास पर रहना होगा और मऊ या गाजीपुर जाने के लिए उन्हें अदालत से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस को भी इस संबंध में सूचित करना होगा।
अब देखना यह है कि क्या अब्बास अंसारी अपनी पिता की कब्र पर दुआ के लिए पहुंच पाते हैं, और इस बार वह अपनी ईद कहां मनाते हैं। अब्बास अंसारी की रिहाई ने उनके समर्थकों और परिवार में एक नई उम्मीद का संचार किया है। उनकी गतिविधियों और आगामी घटनाओं पर सबकी नजरें टिकी हैं। क्या वह अपने पिता की बरसी पर कब्रिस्तान में फातिहा पढ़ने पहुंचेंगे? क्या वह अपनी ईद मऊ में मनाएंगे? इन सवालों का जवाब जल्द ही सामने आएगा।