लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने पार्टी में बड़ा फेरबदल करते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी के सभी पदों से हटा दिया है। आकाश आनंद की जगह अब पार्टी महासचिव आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद राम जी गौतम को नेशनल को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। मायावती का यह निर्णय पार्टी में हलचल मचा गया है और इसकी वजह से कई अटकलें लगाई जा रही हैं।
आकाश आनंद को हटाने के कारण
यह माना जा रहा है कि मायावती ने आकाश आनंद को उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के पार्टी आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई के आरोपों के चलते हटाया है। इसके साथ ही, पार्टी चुनावी रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए अपनी संरचना को मजबूत करने में जुटी है। मायावती के इस फैसले से पार्टी में एक बार फिर से बड़ी चर्चा का विषय बन गया है, खासकर उस समय जब पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है।
नई राष्ट्रीय बैठक और संगठनात्मक बदलाव
मायावती ने 2 मार्च को लखनऊ में एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बैठक बुलाई, जिसमें देशभर के नेताओं और विभिन्न राज्यों के बीएसपी प्रदेश अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया। यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के संगठन को मजबूती देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। बैठक में मायावती ने पार्टी के हर मंडल में चार प्रभारी और हर जिले व विधानसभा क्षेत्र में दो-दो प्रभारी नियुक्त करने की योजना की घोषणा की।
इसके अलावा, कुछ राज्यों में बीएसपी के प्रदेश अध्यक्षों में बदलाव भी किए गए हैं, जिसमें दिल्ली में नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ के खिलाफ कोई अहम फैसला भी ले सकती हैं।
पार्टी संगठन में व्यापक बदलाव
मायावती ने पार्टी संगठन को बेहतर बनाने के लिए 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंडल से लेकर जिले स्तर तक के 1028 नए प्रभारी नियुक्त किए हैं। 18 मंडलों में से प्रत्येक में चार प्रभारी होंगे, वहीं 75 जिलों में हर जिले में दो-दो प्रभारी और 403 विधानसभा क्षेत्रों में भी दो-दो प्रभारी नियुक्त किए गए हैं।
भविष्य में और बदलाव की संभावना
हालांकि मायावती का यह फैसला पार्टी के अंदर बदलाव का प्रतीक है, लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि मायावती कभी-कभी अपने फैसले बदलने के लिए भी जानी जाती हैं। कई बार पहले उन्होंने ऐसे फैसले किए हैं जिनके बाद उन्हें पलटना पड़ा है, और आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर करने का निर्णय भी पलटा जा सकता है। इस सब के बीच, यह भी संभावना जताई जा रही है कि मायावती 15 मार्च को कांशीराम की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में भी अहम घोषणाएं कर सकती हैं।
मायावती ने बीएसपी को मजबूत करने और आगामी चुनावों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से संगठनात्मक बदलावों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन फैसलों से पार्टी के भविष्य और संगठन की दिशा पर असर पड़ सकता है। फिलहाल, मायावती के अगले कदमों का सभी को इंतजार है, खासकर उनकी पार्टी के भीतर और बाहर होने वाले संभावित फैसलों को लेकर।