UP Politics: लखनऊ में बसपा का शक्ति प्रदर्शन रैली, 9 अक्टूबर को जुटेगी पांच लाख से ज्यादा भीड़

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 9 अक्टूबर को राजधानी लखनऊ में होने वाली “लखनऊ चलो” रैली के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। यह रैली मान्यवर श्री कांशीराम स्मारक स्थल, वीआईपी रोड पर आयोजित की जाएगी। पार्टी का दावा है कि इस ऐतिहासिक रैली में पांच लाख से ज्यादा समर्थक जुटेंगे।
2007 जैसी भीड़ जुटाने की तैयारी
बसपा इससे पहले साल 2007 में इसी जगह आयोजित महासंकल्प रैली में इतनी बड़ी भीड़ जुटा चुकी है। अब पार्टी फिर उसी इतिहास को दोहराने की कोशिश कर रही है। इस रैली को लेकर बसपा बिहार चुनावों के बीच कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर यूपी में अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करना चाहती है।
जिलों से बसें और ट्रेनें होंगी रवाना
बसपा सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के 75 जिलों से पांच हजार से ज्यादा बसें और करीब एक दर्जन विशेष ट्रेनें लखनऊ के लिए चलाई जा रही हैं। 8 अक्टूबर से ही कार्यकर्ता और समर्थक लखनऊ पहुंचना शुरू कर देंगे। इसके अलावा पार्टी पदाधिकारी, नेता और समर्थक निजी वाहनों से भी पहुंचेंगे। रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती, राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद, और कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहेंगे।
समर्थकों के ठहरने और खाने का इंतजाम
स्मारक स्थल पर मुख्य गुंबद के पास मंच तैयार कर लिया गया है। सोमवार को कमिश्नर, एलडीए और स्मारक समिति के अधिकारी खुद तैयारियों का निरीक्षण करने पहुंचे। पार्टी ने बताया कि समर्थकों के रुकने और खाने का इंतजाम रमाबाई रैली स्थल पर किया गया है। साथ ही पार्किंग की व्यवस्था भी नजदीक में की गई है। इन सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी करीब एक हजार कार्यकर्ताओं की टीम को सौंपी गई है।
लखनऊ सजा बसपा के रंग में
सभा से पहले पूरा कांशीराम स्मारक स्थल बसपा के रंग में रंग चुका है। यहां हर तरफ होर्डिंग, बैनर और झंडियां लगाई गई हैं। "आई लव बीएसपी" के संदेश वाली होर्डिंग्स शहर के प्रमुख रास्तों पर भी दिखाई दे रही हैं।
8 अक्टूबर की रात होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
सभा से पहले 8 अक्टूबर की रात को स्मारक स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान डॉ. बाबा साहब अंबेडकर मिशनरी जागृत जत्था के लोक कलाकार गीतों के जरिए बसपा की स्थापना, कांशीराम के संघर्ष और मायावती के नेतृत्व की कहानी सुनाएंगे। इसके अलावा बसपा सरकारों में दलित उत्थान और समाज सुधार के कामों की गूंज भी इन गीतों में सुनाई देगी। बसपा का यह आयोजन न सिर्फ एक श्रद्धांजलि सभा है, बल्कि आगामी चुनावी तैयारियों के लिए पार्टी की ताकत और एकजुटता दिखाने का मंच भी बनने जा रहा है।