LATEST NEWS

UP NEWS: लोको पायलट इंस्पेक्टर परीक्षा में धांधली पर 28 लोगों पर CBI ने की बड़ी कार्रवाई

UP NEWS: लोको पायलट इंस्पेक्टर परीक्षा में धांधली पर 28 लोगों पर CBI ने की बड़ी कार्रवाई

चंदौली: पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल मुख्यालय पर सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी से रेलवे में हड़कंप मच गया है। लगभग 28 घंटे तक चली इस कार्रवाई के दौरान सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद दो शाखा प्रमुखों सहित 26 लोको पायलटों को हिरासत में लिया और उन्हें न्यायालय में पेश किया। आरोप है कि इन लोको पायलटों के प्रमोशन के लिए आयोजित परीक्षा में धांधली की जा रही थी और इसके लिए रिश्वत ली जा रही थी।


कैसे हुआ खुलासा?

सीबीआई को सूचना मिली थी कि लोको पायलटों के प्रमोशन के लिए परीक्षा दिलाने के नाम पर रिश्वत ली जा रही थी। सोमवार की देर रात नगर स्थित काली महल के पास एक मैरिज लॉन से नौ लोको पायलटों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इसके बाद, अगले दिन मंगलवार को पीडीडीयू मंडल के सभागार में इन सभी को बुलाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान लोको पायलटों की संख्या बढ़कर लगभग 26 हो गई। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि अधिकारियों और कर्मचारियों के घर से एक करोड़ से अधिक नकदी बरामद हुई।


रैकेट का खुलासा, बड़े अधिकारियों पर शक

इस पूरे मामले में केवल लोको पायलट ही शामिल नहीं थे, बल्कि यह एक बड़े रैकेट का हिस्सा था। कई वरिष्ठ अधिकारियों का नाम भी इस धांधली में सामने आ गया है। सीबीआई की विशेष टीम ने पीडीडीयू रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता परिचालन सुशांत परासर और वरीय मंडल विद्युत अभियंता कर्षण वितरण इंदु प्रकाश से पूछताछ की। आरोप है कि ये अधिकारी परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तैयार कर रहे थे और परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार के पास थी। हालांकि, जांच के बाद इंदु प्रकाश को छोड़ दिया गया, लेकिन सुशांत परासर और सुरजीत कुमार सहित अन्य कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया। इनमें से अधिकांश सुपरवाइजर थे, और एक सेवानिवृत्त लोको निरीक्षक रामायण भी गिरफ्तार किए गए हैं।


रंगे हाथ पकड़ाए आरोपी

सीबीआई की टीम ने सुशांत परासर को मुगलसराय के कालीमहल इलाके के एक लॉज से रंगे हाथ पकड़ा, जहां वह लोको पायलटों के प्रमोशन परीक्षा में धांधली कर रहा था। यह परीक्षा पूर्व मध्य रेलवे के इंटर कॉलेज प्लांट डिपो में आयोजित की जा रही थी, जिसमें 80 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लोको पायलटों के प्रमोशन के लिए यह परीक्षा दी जा रही थी, और आरोप है कि नकल कराकर सभी को प्रमोशन दिलाया जा रहा था। इसके बदले रिश्वत ली जा रही थी।


सीबीआई की त्वरित कार्रवाई

सीबीआई को इस भ्रष्टाचार की भनक लगते ही उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए मैरिज लॉन से लोको पायलटों को हिरासत में लिया। यह जानकारी भी सामने आई है कि कार्मिक विभाग के बाबू संजय मिश्रा ने इन लोको पायलटों के ठहरने की व्यवस्था मैरिज लॉन के संचालक चुन्ना से की थी। चुन्ना के मोबाइल फोन पर संजय मिश्रा का फोन आया था, जिसमें उन्होंने बताया कि कुछ लोको पायलट प्रमोशन के लिए परीक्षा देने आ रहे हैं और उन्हें ठहरने की व्यवस्था करने की बात कही थी। सीबीआई के अधिकारियों ने पूरी सख्ती से इस मामले की जांच शुरू की और सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। सीबीआई की इस कार्रवाई ने रेलवे विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर किया है और यह दर्शाया है कि यह एक बड़ा रैकेट था, जिसमें कई उच्च अधिकारी भी शामिल थे।


समाप्त नहीं हुई है जांच

सीबीआई की जांच अब भी जारी है और इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। यह घटना सरकारी विभागों में फैलते भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम कदम साबित हो सकती है, और यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस तरह के रैकेटों को समाप्त करने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों के इस भ्रष्टाचार ने ना केवल विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि सरकारी संस्थाओं में भ्रष्टाचार किस हद तक फैल चुका है।

Editor's Picks