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UP NEWS: गरीब बेटियों के सम्मान और सुरक्षा की नई मिसाल बनी सीएम योगी की सामूहिक विवाह योजना

UP NEWS: गरीब बेटियों के सम्मान और सुरक्षा की नई मिसाल बनी सीएम योगी की सामूहिक विवाह योजना

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 2017 में शुरू की गई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने उत्तर प्रदेश में गरीब और वंचित परिवारों के लिए एक नई आशा की किरण पैदा की है। यह योजना उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों की शादी धूमधाम से नहीं कर सकते थे। अब तक इस योजना के तहत 4,76,207 गरीब कन्याओं के विवाह संपन्न हो चुके हैं, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिली है और समाज में एक नई सामाजिक समरसता का निर्माण हुआ है।


सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा

योगी सरकार की यह योजना गरीब बेटियों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वैवाहिक जीवन की शुरुआत का अवसर प्रदान करती है। 2 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा वाले परिवार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना न केवल सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देती है, बल्कि यह बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।


आर्थिक सहयोग और सामाजिक सुरक्षा

इस योजना के तहत हर नवविवाहित जोड़े पर राज्य सरकार 51,000 रुपये खर्च करती है:


35,000 रुपये वधू के खाते में जमा किए जाते हैं ताकि नवविवाहित दंपति अपने नए जीवन की शुरुआत कर सकें।

10,000 रुपये की राशि कपड़े, गहने और अन्य जरूरी सामान के लिए प्रदान की जाती है।

6,000 रुपये विवाह समारोह के आयोजन और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किए जाते हैं।

इस योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता प्रदान करना नहीं, बल्कि गरीब परिवारों को सामाजिक सुरक्षा का एहसास कराना भी है।


धार्मिक समरसता और सामाजिक एकता को बढ़ावा

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देती है। इस योजना के तहत हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्मों और जातियों के जोड़ों के विवाह उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न कराए जाते हैं। इससे प्रदेश में आपसी भाईचारे और सद्भाव को बढ़ावा मिल रहा है और सामाजिक भेदभाव को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।


वर्ष दर वर्ष बढ़ती योजना की सफलता

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की सफलता लगातार बढ़ रही है। 2020-21 में इस योजना के तहत 22,780 जोड़े विवाह बंधन में बंधे थे, जबकि 2023-24 में यह संख्या 1,04,940 तक पहुंच गई। 2024-25 के वित्तीय वर्ष में एक लाख से अधिक जोड़ों का विवाह संपन्न हो चुका है। इस सफलता को देखते हुए, योगी सरकार ने इस योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट निर्धारित किया है। यह योजना राज्य सरकार की गरीब परिवारों के आर्थिक बोझ को कम करने और उन्हें शादी के खर्च से राहत देने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


प्रशासन की सक्रिय भागीदारी

योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने नगर निगम, नगर पंचायत, जिला प्रशासन और क्षेत्र पंचायतों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी हैं। लाभार्थियों की पहचान से लेकर विवाह समारोह की समुचित व्यवस्था तक सभी कार्यों की निगरानी प्रशासन द्वारा की जाती है। इसके अतिरिक्त, योजना में बदलाव करते हुए हर सामूहिक विवाह समारोह में होने वाली विवाहों की संख्या को पहले 10 से घटाकर 5 कर दिया गया है, जिससे हर आयोजन अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार संपन्न हो सके।


बेटियों का सुरक्षित भविष्य

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना अब सिर्फ विवाह तक सीमित नहीं है। योगी सरकार ने नवविवाहित जोड़ों को सरकारी योजनाओं और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। इस पहल के माध्यम से बेटियों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है और वे सम्मानजनक जीवन की शुरुआत कर रही हैं। इसके अलावा, इस योजना ने उन परिवारों को राहत दी है, जो बेटी की शादी के लिए कर्ज लेने की स्थिति में होते थे।


"सबका साथ, सबका विकास" की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना "सबका साथ, सबका विकास" के योगी सरकार के विजन को साकार कर रही है। यह योजना सामाजिक समानता, आर्थिक सहयोग और पारिवारिक सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है। इस योजना के माध्यम से गरीब परिवारों को शादी के लिए सहारा मिल रहा है, बेटियों को सुरक्षित भविष्य मिल रहा है और समाज में समरसता का माहौल बन रहा है।

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