Ayodhya News: अयोध्या राजसदन के मुखिया और राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य राजा विमलेंद्र प्रताप मोहन मिश्र का निधन

अयोध्या: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और अयोध्या राजसदन के मुखिया राजा विमलेंद्र प्रताप मोहन मिश्र का 71 साल की उम्र में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और अयोध्या स्थित राजसदन में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज सरयू तट पर किया जाएगा। निधन की खबर के बाद से ही राजसदन में प्रशासनिक अधिकारियों और शुभचिंतकों का आना-जाना लगा हुआ है।
कौन थे राजा विमलेंद्र प्रताप
राजा विमलेंद्र प्रताप मोहन मिश्र अयोध्या राजवंश के राजा दर्शन सिंह की वंशावली से जुड़े थे। मौजूदा राजवंशीय राजा के रूप में लोग उन्हें आदरपूर्वक "राजा साहब" कहकर संबोधित करते थे। वह अयोध्या रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य भी रहे। साल 2009 में उन्होंने बसपा के टिकट पर फैजाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए थे।
राजवंश और विरासत
अयोध्या राजवंश की परंपरा में स्वर्गीय महारानी विमला देवी के दो पुत्र हुए — विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र और शैलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र। बड़े होने के कारण विमलेंद्र प्रताप को राजवंश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला और उन्हें अयोध्या का "राजा" माना जाने लगा।
परिवार और साहित्यिक धरोहर
राजा विमलेंद्र प्रताप मोहन मिश्र के पुत्र यतींद्र मोहन प्रताप मिश्र ख्यातिलब्ध साहित्यकार हैं। उन्होंने प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर पर "लता सुर गाथा" नामक किताब लिखी, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। परिवार की साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य वे कर रहे हैं। स्थानीय लोग राजा विमलेंद्र प्रताप को सम्मान से "राजा साहब" और प्यार से "पप्पू राजा" या "भैया" कहकर पुकारते थे।