दूल्हा-दुल्हन का निकाह पढ़वाने से मौलवी ने किया इनकार, कारण जानकर कहेंगे पहली बार लिया सही फैसला

45 साल के दूल्हे और 15 साल की नाबालिग दुल्हन का निकाह पढ़ाने से इमाम ने साफ इनकार कर दिया। इसके बाद बारात को बिना दुल्हन के ही वापस लौटना पड़ा। मौलवी की इस फैसले की चर्चा शुरू हो गई।

दूल्हा-दुल्हन का निकाह पढ़वाने  से मौलवी ने किया इनकार, कारण

N4N Desk - उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक जागरूक इमाम की वजह से एक नाबालिग का बाल विवाह होने से बच गया। मामला शहर कोतवाली के मोहल्ला बख्शीवाला का है, जहां 45 साल के दूल्हे और 15 साल की नाबालिग दुल्हन का निकाह पढ़ाने से इमाम ने साफ इनकार कर दिया। इसके बाद बारात को बिना दुल्हन के ही वापस लौटना पड़ा।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, मंगलवार को स्योहारा से शहर कोतवाली के मोहल्ला बख्शीवाला में एक बारात आई थी। बारात में बारातियों की संख्या बेहद कम (करीब 25 लोग) थी, जिसे देखकर स्थानीय लोगों में कानाफूसी शुरू हो गई। इसी बीच बारात में शामिल एक व्यक्ति लगातार जल्द से जल्द निकाह कराने की जिद करने लगा, जबकि लड़की वाले (घराती) पहले मेहमानों को खाना खिलाना चाहते थे। इस जल्दबाजी ने लोगों के शक को और गहरा कर दिया।

आधार कार्ड ने खोली पोल


जब निकाह पढ़ाने के लिए इमाम साहब पहुंचे और औपचारिकताएं शुरू हुईं, तो उन्हें पता चला कि दूल्हे की उम्र 45 वर्ष है। शक होने पर उन्होंने दुल्हन का आधार कार्ड मंगवाया। आधार कार्ड में लड़की की उम्र मात्र 15 वर्ष दर्ज थी। यह देखते ही इमाम ने निकाह पढ़ाने से सख्त मना कर दिया और परिजनों को कानूनी व धार्मिक नियमों का हवाला देते हुए समझाया।

तीसरी शादी करने पहुंचा था दूल्हा

मौके पर मौजूद लोगों को पता चला कि दूल्हा पहले से ही दो शादियां कर चुका है, जो सफल नहीं रहीं। वह अब यह तीसरी शादी करने आया था। उम्र में भारी अंतर और दूल्हे की पिछली शादियों की बात सामने आते ही वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया।

बिना दूल्हन लौटी बारात

काफी देर तक चले समझाने-बुझाने और बातचीत के बाद आखिरकार बारात को बिना दुल्हन के ही वापस लौटना पड़ा। यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, शहर कोतवाल धर्मेन्द्र सोलंकी ने फिलहाल मामले की जानकारी होने से इनकार किया है।