UP Crime News: लखनऊ में फर्जी IAS-IPS बनकर 150 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी, पुलिस ने धर दबोचा

लखनऊ: लखनऊ में सीआईडी और थाना चिनहट पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। पुलिस ने गुजरात कैडर का फर्जी IAS और IPS अधिकारी बनकर नौकरी का झांसा देने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने करीब 150 लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का लालच देकर लगभग 80 करोड़ रुपये ठग लिए थे।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
गिरफ्तार आरोपी झारखंड निवासी डॉ. विवेक मिश्रा उर्फ विवेक आनंद मिश्रा के रूप में हुई है। पुलिस ने उसे लखनऊ के कमता चौराहे के पास बस स्टेशन के निकट से पकड़ा। आरोपी को हिरासत में लेकर विधिक कार्यवाही जारी है।
शिकायत और जांच की शुरुआत
इस मामले में 24 जुलाई 2019 को चिनहट निवासी और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. आशुतोष मिश्रा ने थाना चिनहट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि विवेक मिश्रा खुद को गुजरात कैडर का IAS-IPS अधिकारी बताकर लोगों से मोटी रकम वसूलता था। शिकायत के बाद जांच पहले आर्थिक अपराध संगठन (EOW) को सौंपी गई थी। बाद में शासन के आदेश पर जांच सीबीसीआईडी (CB-CID) को सौंप दी गई। मामले की विवेचना सीबीसीआईडी के विवेचक रमेश चंद्र तिवारी कर रहे हैं।
आरोपी का तरीका और शिकार
पुलिस के अनुसार, विवेक मिश्रा खुद को गुजरात सरकार में सचिव बताकर लोगों से संपर्क करता था। उसने अपनी बहनों को भी गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी बताकर अपनी साख मजबूत बनाई। आरोपी ने सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट बनाए थे और सीधे-साधे परिवारों की युवतियों को निशाना बनाता था। वह शादी का प्रस्ताव देकर उनके परिवार के लोगों से नजदीकियां बढ़ाता और फिर नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम वसूलता था।
बड़ी ठगी का खुलासा
शिकायतकर्ता डॉ. आशुतोष मिश्रा ने अपने चार जूनियरों की मदद से आरोपी की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि विवेक ने अब तक 150 से अधिक लोगों को ठगकर करीब 80 करोड़ रुपये हड़प लिए थे। उसने नौकरी के नाम पर लोगों से लाखों रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी किए थे।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
डॉ. आशुतोष ने बताया कि उसने आरोपी से अपने जूनियरों के लिए सरकारी नौकरी की बात की थी। विवेक ने कुछ को गुजरात सरकार में जनसंपर्क अधिकारी और कुछ को खेल कोटे से डिप्टी एसीपी की नौकरी दिलाने का झांसा देते हुए करीब 4.5 लाख रुपये वसूले थे। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ 506, 467, 468, 471 और 420 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही मामले में अन्य संभावित सहयोगियों की भूमिका की जांच भी जारी है।