UP Electricity Bill News: यूपी वालों तैयार हो जाओ बढ़ेंगे बिजली के बिल! नया टैरिफ बना लोगों के लिए मुसीबत!

लखनऊ: आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश की ट्रांसमिशन लाइनों पर होने वाला खर्च बिजली की दरों को प्रभावित कर सकता है। सोमवार को राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2025-26 के लिए पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन और यूपीएसएलडीसी का नया टैरिफ जारी किया।
ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की कमाई बढ़ेगी
नए टैरिफ के तहत पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की कमाई में इजाफा होगा। लेकिन इसके साथ ही पावर कॉरपोरेशन पर करीब 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ भी पड़ेगा। वजह यह है कि अब ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को 2 प्रतिशत की जगह 14.50 प्रतिशत लाभांश दिया जाएगा।
रेलवे और कंपनियों को भी उठाना होगा खर्च
अब ट्रांसमिशन का पूरा बोझ केवल पावर कॉरपोरेशन पर नहीं रहेगा। रेलवे और एनपीसीएल जैसी कंपनियां भी इसका हिस्सा उठाएंगी। रेलवे इस समय करीब 438 मेगावॉट और एनपीसीएल 751 मेगावॉट बिजली ले रहा है। इससे ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को लगभग 400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी।
प्रति मेगावॉट के हिसाब से किराया
नए आदेश के अनुसार अब ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन बिजली कंपनियों और भारतीय रेल से प्रति यूनिट के बजाय प्रति मेगावॉट के हिसाब से शुल्क लेगा। तय दर 2.13 लाख रुपये प्रति मेगावॉट प्रति माह होगी। इससे ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की आय और बढ़ जाएगी।
पावर कॉरपोरेशन पर बढ़ा बोझ
पहले पावर कॉरपोरेशन को सिर्फ 247 करोड़ रुपये का भार उठाना पड़ता था। लेकिन नए टैरिफ के तहत यह बढ़कर करीब 1,797 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
एआरआर में कटौती
ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ने राज्य विद्युत नियामक आयोग के सामने 6,279 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्तुत किया था। आयोग ने इसमें करीब 800 करोड़ रुपये की कटौती कर इसे घटाकर 5,442 करोड़ रुपये कर दिया।
यूपीएसएलडीसी का शुल्क भी तय
नियामक आयोग ने यूपीएसएलडीसी का शुल्क भी निर्धारित कर दिया है। 2025-26 के लिए यूपीएसएलडीसी ने 776 रुपये प्रति मेगावॉट प्रति माह शुल्क मांगा था। आयोग ने इसे घटाकर 678.09 रुपये प्रति मेगावॉट प्रति माह मंजूर किया है।