UP Electricity Bill Reduced: उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए आई राहत भरी खबर, अक्टूबर में घटकर आएगा बिजली का बिल

UP Electricity Bill Reduced: उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओ

लखनऊ: अक्टूबर में उत्तर प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने वाली है। इस बार बिजली बिल पर लगने वाला ईंधन और ऊर्जा खरीद समायोजन अधिभार (FPPAS) निगेटिव आया है। इसके चलते उपभोक्ताओं के बिलों में 1.63 फीसदी की कमी की जाएगी। दशहरा से लेकर दीपावली तक के त्योहारों के बीच यह खबर लोगों के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है।


कैसे मिलेगी राहत

जुलाई में बिजली कंपनियों की तय लागत में करीब 113.54 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई थी। नियामक आयोग के नियमों के अनुसार, जब भी बिजली खरीद लागत कम होती है तो उसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलता है। इसी व्यवस्था के तहत अक्टूबर के बिलों में अधिभार शुल्क घटाकर यह राहत दी जाएगी।


नई टैरिफ व्यवस्था का असर

अप्रैल 2024 से प्रदेश में बहुवर्षीय वितरण टैरिफ व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत हर महीने बिजली कंपनियों के खर्च का आकलन कर अधिभार तय किया जाता है। इसी व्यवस्था के बाद दूसरी बार उपभोक्ताओं को बिलों में कटौती का फायदा मिलने जा रहा है। ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि जुलाई के बाद से मौसम में नर्मी और खपत में कमी के कारण आने वाले महीनों में भी अधिभार घट सकता है।


स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर विवाद

इसी बीच, स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर विवाद भी सामने आया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल कर आपत्ति जताई है। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का आरोप है कि उपभोक्ताओं की सहमति के बिना स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं।


उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को प्रीपेड या पोस्टपेड मीटर चुनने का विकल्प मिलना चाहिए। नए कनेक्शन पर भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य किए जा रहे हैं। परिषद का आरोप है कि मुफ्त लगाए जाने वाले मीटरों के नाम पर उपभोक्ताओं से 6000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार पहले से प्रति मीटर 1350 रुपये का अनुदान दे रही है।


दोहरी खुशी

बिजली बिलों में राहत के साथ ही योगी सरकार ने मुफ्त गैस सिलेंडर योजना पर भी मुहर लगा दी है। ऐसे में त्योहारों से पहले प्रदेशवासियों के लिए यह दोहरी खुशी का मौका है।