UP NEWS: संभल पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग सट्टेबाजी गिरोह को दिल्ली एयरपोर्ट से दबोचा, जानिए क्या है मामला!

संभल: उत्तर प्रदेश पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर चल रहे एक बड़े सट्टेबाजी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के तार देश के कई हिस्सों से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने करोड़ों रुपये के इस मामले में गैंग के दो सदस्यों को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी थाईलैंड से भारत लौटे थे, जिनके खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया गया था।
शालीमार बाग में था गिरोह का ठिकाना
संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि गुरुवार को दिल्ली के शालीमार बाग में इस गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। जांच में खुलासा हुआ कि यह रैकेट “BOB 777” नामक फ्रैंचाइजी मॉडल पर काम कर रहा था, जिसकी शाखाएं भारत के कई शहरों में फैली हुई थीं।
फर्जी बैंक खाते और आधार कार्ड से चलता था खेल
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी जनता के नाम पर फर्जी बैंक खाते खुलवाते थे और इन खातों में सट्टेबाजी की रकम जमा कराते थे। इसके बाद रकम आपस में बांट ली जाती थी। पुलिस की नजर से बचने के लिए ये आरोपी दीपक सिंह नामक व्यक्ति की मदद से फर्जी आधार कार्ड बनवाते थे। इन नए आधार कार्डों पर सिम कार्ड जारी करवाए जाते थे, जिन्हें बाद में अवैध बैंक खातों से जोड़ा जाता था।
कई पैनल और ऐप से चल रहा था नेटवर्क
शालीमार बाग की फ्रैंचाइजी का संचालन जय कक्कड़ और आदित्य गुप्ता कर रहे थे, जबकि इसका प्रबंधन इंगित कोहली के पास था। इंगित कोहली मूल रूप से संभल के चंदौसी का रहने वाला है, लेकिन फिलहाल पंचकुला (हरियाणा) से इस पूरे नेटवर्क को चला रहा था। वहीं मुकेश कक्कड़ अवैध सिम कार्डों की मदद से खातों की निगरानी और बड़ी रकम के लेनदेन का जिम्मा संभालता था।
पूर्व में जेल जा चुकी तान्या उर्फ तन्नू तलवार “NINA” नामक गेमिंग पैनल चलाती थी।
अजय “KING” पैनल, सार्थक “EDDY BOOK” और अंकित “ACE BOOK” नामक पैनल के जरिए ग्रुप चलाकर अवैध रूप से धन इकट्ठा करते थे।
700 बैंक खाते फ्रीज, करोड़ों की रकम जब्त
एसपी विश्नोई ने बताया कि इस गिरोह से जुड़े करीब 700 फर्जी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। इन खातों में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा मिली है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मुकेश कक्कड़ और उसके साले के बेटे अंकित के रूप में हुई है। दोनों विदेश में थे और भारत लौटते ही दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिए गए।
लोन माफ कराने के नाम पर भी करते थे ठगी
पुलिस ने यह भी बताया कि यह गैंग लोन माफ कराने के नाम पर भी फर्जी बैंक खाते खुलवाता था और लोगों को ठगता था। वर्तमान में दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।