LATEST NEWS

UP NEWS: योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग करेगा AI का प्रयोग

UP NEWS: योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग करेगा AI का प्रयोग

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग ने जनोपयोगी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग शुरू करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में आज गोमती नगर स्थित भागीदार भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण की अध्यक्षता में सामाजिक क्षेत्र में एआई की उपयोगिता पर मंथन हुआ। इस कार्यक्रम में प्रशासनिक, मीडिया और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने अपनी सहभागिता निभाई।


एआई: तकनीकी क्रांति और समाज के लिए संभावनाएँ

कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों ने एआई की परिभाषा और इसके काम करने के तरीके पर चर्चा की। एआई, यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एक ऐसी तकनीक है जो मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, सीखने और निर्णय लेने की क्षमता देती है। यह कंप्यूटर सिस्टम या सॉफ्टवेयर को डेटा से सीखने, पैटर्न पहचानने और समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाती है। उदाहरण के लिए, हमारे स्मार्टफोन में मौजूद वॉयस असिस्टेंट जैसे Siri और Google Assistant एआई के ही उदाहरण हैं। एआई का उपयोग कमजोर (Weak AI) और मजबूत (Strong AI) दोनों प्रकार के कार्यों में किया जा सकता है, जहां कमजोर एआई विशेष कार्यों के लिए बनाई जाती है और मजबूत एआई इंसान की तरह हर क्षेत्र में काम कर सकती है।


भारत में एआई का विकास और प्रयोजन

भारत में एआई को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। नीति आयोग ने "AI for All" पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और शहरी विकास में एआई का उपयोग करना है। इसके अतिरिक्त, तेलंगाना राज्य हैदराबाद को "एआई हब" बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्य भी स्वास्थ्य, ट्रैफिक प्रबंधन और ई-गवर्नेंस के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं।


उत्तर प्रदेश में एआई का उपयोग

उत्तर प्रदेश में एआई का प्रयोग सामाजिक क्षेत्र में धीरे-धीरे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने हेल्थ सेक्टर में एआई-सक्षम आईसीयू और उन्नत चिकित्सा उपकरणों के पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए हैं, जिससे गंभीर मरीज़ों की निगरानी और इलाज में सुधार हो रहा है। इसके अलावा, एआई का उपयोग बीमारियों की जल्दी पहचान और रोकथाम के लिए डेटा विश्लेषण में किया जा रहा है। टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में भी एआई चैटबॉट्स ग्रामीण क्षेत्रों में मरीज़ों को प्राथमिक सलाह देने में मदद कर रहे हैं।


शिक्षा के क्षेत्र में यूपी सरकार ने स्मार्ट क्लासरूम प्रोजेक्ट में एआई का उपयोग किया है, जिससे बच्चों की सीखने की प्रगति को ट्रैक किया जा रहा है और शिक्षकों को बेहतर तरीके सुझाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, एआई आधारित टूल्स छात्रों को उनकी कमजोरियों के आधार पर व्यक्तिगत सामग्री भी प्रदान कर रहे हैं।


पेंशन योजना और प्रशासन में एआई का प्रयोग

पेंशन योजना के अंतर्गत भी एआई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे बहु-हितधारक बातचीत को सुविधाजनक बनाया जा सकेगा, प्रशासनिक कार्यों में कमी लाई जा सकेगी और पेंशन बोर्डों को निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।


समाज में डिजिटल गैप को कम करने की दिशा में कदम

कार्यक्रम के दौरान चर्चा हुई कि कैसे उच्च विश्वसनीयता के डाटा के आधार पर सामाजिक क्षेत्र में एआई के बेहतर प्रयोग के लिए पॉलिसी बनाई जा सकती है और समाज में बढ़ते डिजिटल गैप को कम किया जा सकता है। इस अवसर पर श्री असीम अरुण ने वरिष्ठ नागरिकों को वर्चुअल केयर असिस्टेंस देने और विभाग की योजनाओं में समस्त सुरक्षा उपायों के साथ एआई का उपयोग करने का निर्णय लिया।


पुस्तक विमोचन और अन्य महत्वपूर्ण बातें

कार्यक्रम के दौरान श्री सत्येंद्र त्रिपाठी की पुस्तक ‘स्मार्ट गवर्नेंस’ का विमोचन भी किया गया, जिसमें तकनीकी के बेहतर प्रयोग के द्वारा स्मार्ट गवर्नेंस को लागू करने पर प्रकाश डाला गया है।

Editor's Picks