UP NEWS: जौनपुर में शिक्षक संघ का मर्जर आदेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

जौनपुर: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय आह्वान पर शुक्रवार को जौनपुर के कलेक्ट्रेट परिसर में हजारों शिक्षक इकट्ठा हुए। परिषदीय विद्यालयों के मर्जर (विलय) आदेश के खिलाफ हुए इस बड़े प्रदर्शन की अगुवाई जिलाध्यक्ष अमित सिंह ने की। प्रदर्शन के दौरान पूरे परिसर में शिक्षकों की भीड़ और गूंजते नारे चर्चा का विषय बन गए। प्रदर्शन के अंत में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी गरिमा जायसवाल को सौंपा।
क्या हैं शिक्षकों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने मांग की कि हर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में अनिवार्य रूप से प्रधानाध्यापक की तैनाती की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य न लिया जाए, बल्कि उन्हें केवल पढ़ाने का काम दिया जाए। एक और महत्वपूर्ण मांग यह रही कि निजी स्कूलों को मिलने वाली मान्यताओं की जांच की जाए, खासकर उन स्कूलों की जो सरकारी स्कूलों के एक किलोमीटर के दायरे में खुल गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि कई निजी स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं, जिन्हें बंद किया जाना चाहिए। इसके अलावा छात्रों के आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को आसान बनाए जाने की भी मांग रखी गई ताकि नामांकन प्रक्रिया सरल हो सके।
जिलाध्यक्ष अमित सिंह ने क्या कहा
अमित सिंह ने कहा कि सरकारी विद्यालयों की स्थापना शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत तय दूरी के आधार पर की गई है। अगर मर्जर कर विद्यालयों को दूर कर दिया गया, तो छोटे बच्चों और विशेष रूप से बालिकाओं के लिए स्कूल जाना मुश्किल हो जाएगा। इससे ड्रॉपआउट यानी पढ़ाई छोड़ने की दर बढ़ेगी और यह शिक्षा के अधिकार की मूल भावना के खिलाफ होगा। ज्ञापन सौंपने से पहले शिक्षक बैनर और तख्तियां लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी करते हुए घूमे। प्रदर्शन में जिले के कोने-कोने से आए शिक्षक मौजूद थे।
शिक्षक नेताओं ने दी भाषण
प्रदर्शन के दौरान प्रमुख शिक्षक नेताओं जैसे सुशील उपाध्याय, चंदन सिंह, अरुण सिंह, विजय प्रताप सिंह, सुजीत सिंह, महिला अध्यक्ष अर्चना सिंह, संयुक्त मंत्री शैलेंद्र सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीश सिंह, उपाध्यक्ष संतोष बघेल, महामंत्री रमेश यादव, कोषाध्यक्ष रोहित यादव और संचालन कर रहे राजेश सिंह टोनी ने भी संबोधित किया।
अन्य संगठनों का भी मिला समर्थन
इस प्रदर्शन को कर्मचारी संघ के जिला मंत्री सुरेंद्र चौधरी, अटेवा के महामंत्री इंदु प्रकाश यादव, जिला संगठन मंत्री विशाल सिंह, प्रचार मंत्री मनोज सिंह सहित कई संगठनों का समर्थन मिला। बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और महिला प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
महिला शिक्षकों की मजबूत भागीदारी
इस आंदोलन में महिला शिक्षिकाओं की भी सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। ममता गुप्ता, आराधना, प्रियंका, गजाला, कविता, सौम्या सिंह, यामिनी सिंह, अंजली राय, रेखा चौहान, रेनू मिश्रा जैसी शिक्षिकाएं प्रदर्शन में शामिल रहीं।
एकजुटता का संदेश
यह विरोध प्रदर्शन मर्जर आदेश के खिलाफ पूरे प्रदेश में शिक्षकों की एकजुटता और शिक्षा व्यवस्था को लेकर उनकी जागरूकता का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया। शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आगे आंदोलन और तेज किया जाएगा।