Chhangur Baba: अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की मुश्किलें बढ़ीं, एटीएस खंगाल रही है "काले साम्राज्य" की परतें

Chhangur Baba: अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की

बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद में अवैध धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ शिकंजा कसता जा रहा है। शनिवार को उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वाड) ने एक बार फिर उतरौला कोतवाली में डेरा डाला और छांगुर से जुड़ी संपत्ति और लेन-देन से संबंधित दस्तावेजों की गहराई से जांच की। अब तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि छांगुर बाबा न सिर्फ अवैध धर्मांतरण में संलिप्त था, बल्कि उसे संदिग्ध विदेशी फंडिंग भी मिल रही थी। इन गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उसने बड़े स्तर पर जमीन-जायदाद का लेन-देन भी किया, जिसके पीछे काले धन के उपयोग की आशंका जताई जा रही है।


शंकास्पद लेन-देन की फाइलों की छानबीन

शनिवार को एटीएस टीम ने उन बैनामा दस्तावेजों को खंगाला, जिनमें जमीन की बिक्री और धन के लेन-देन को लेकर अनियमितता पाई गई थी। चार संदिग्धों को कोतवाली बुलाकर अलग-अलग पूछताछ की गई। सूत्रों के अनुसार पूछताछ का फोकस इस बात पर था कि किस जमीन का असली बाजार मूल्य क्या था, कितनी रकम में सौदा हुआ और वह पैसा किन खातों में ट्रांसफर किया गया।


पूर्व प्रधान से भी पूछताछ

इस पूछताछ में मधुपुर गांव के पूर्व प्रधान जुम्मन भी शामिल रहे। उन्होंने स्वीकार किया कि छांगुर बाबा को 28 बिस्वा जमीन बेची गई थी और उसी संबंध में जानकारी ली गई। हालांकि उन्होंने पूछताछ की गहराई और बाकी विवरण साझा करने से इनकार कर दिया।


चार दिन से डटी है एटीएस, हर कड़ी की तलाश में

एटीएस की टीम पिछले चार दिनों से लगातार उतरौला में सक्रिय है। टीम छांगुर बाबा के नेटवर्क और "काले साम्राज्य" की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। शनिवार को टीम ने कोतवाली में बैठे-बैठे न सिर्फ जमीन सौदों की जांच की, बल्कि छांगुर और उसके सहयोगियों के आपराधिक इतिहास से जुड़ी जानकारियां भी इकट्ठा कीं। जिन लोगों ने छांगुर को संपत्ति बेची थी, उन्हें भी तलब किया गया और प्रत्येक लेन-देन का हिसाब-किताब दर्ज किया गया।


जल्द हो सकते हैं और बड़े खुलासे

एटीएस की इस सक्रियता से स्पष्ट है कि जांच बेहद गंभीर मोड़ पर है। टीम की कोशिश है कि धर्मांतरण के इस रैकेट से जुड़े हर व्यक्ति और पैसों की हर धारा को उजागर किया जाए। जल्द ही एटीएस इस पूरे प्रकरण में कई और चौंकाने वाले खुलासे कर सकती है, जिससे न सिर्फ बलरामपुर बल्कि अन्य जिलों में भी छांगुर बाबा से जुड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है।