Love Affair: 56 साल के ससुर का 37 साल छोटी बहु पर आया दिल! डॉक्टर के पास ले जाने के बहाने कर दिया बड़ा कांड, जिसे जानकर चौंक गया पूरा परिवार
Love Affair: उत्तर प्रदेश के रामपुर में 56 वर्षीय ससुर ने 18 साल की बहू से शादी कर ली। जानिए पंचायत का निर्णय, समाज की प्रतिक्रिया और पूरा घटनाक्रम।

Love Affair: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के भोट थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 56 वर्षीय व्यक्ति ने अपने ही बेटे की तयशुदा मंगेतर से शादी कर ली। यह घटना ग्राम बासनगली की है और इसे जानकर पूरा गांव हैरान रह गया। इस अजीब और असामान्य विवाह के सामने आने के बाद गांव में सामाजिक कोहराम मच गया। इस मामले ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि पूरे समाज में मान्य रिश्तों और संस्कारों पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुआ यह पूरा घटनाक्रम?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शकील नामक व्यक्ति ने अपने बेटे का रिश्ता एक नजदीकी गांव की 18 वर्षीय युवती से तय किया था। रिश्तेदारी की आड़ में वह युवती के घर अक्सर जाने लगा। एक दिन वह युवती को डॉक्टर के बहाने अपने साथ ले गया और आठ दिन तक दोनों लापता रहे। जब वे लौटे तो शकील ने खुलेआम घोषणा कर दी कि उसने युवती से शादी कर ली है। यह सुनकर उसका बेटा और पूरा परिवार सन्न रह गया। गुस्से में घर में भारी झगड़ा हुआ, और बात मारपीट तक पहुंच गई।
पंचायत का हस्तक्षेप और सामाजिक बहिष्कार
घटना के सार्वजनिक होने के बाद गांव में पंचायत बुलाई गई, जिसमें गांव के बुजुर्गों और परिजनों ने शकील की हरकत को शर्मनाक और अपमानजनक करार दिया। पंचायत ने निर्णय लिया कि दोनों (शकील और युवती) को गांव से बहिष्कृत किया जाएगा। यह रिश्ता सामाजिक रूप से अस्वीकार्य है।समाज में इस प्रकार की घटनाओं को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। पंचायत के फैसले के बाद दोनों ने गांव छोड़ दिया और अब वे शहजादनगर थाना क्षेत्र के एक दूसरे गांव में पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं।
पुलिस की भूमिका और कानूनी पहलू
इस पूरे मामले पर अज़ीम नगर और भोट थाना की पुलिस का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि शिकायत मिलती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अगर लड़की बालिग है और दोनों की शादी आपसी सहमति से हुई है, तो भारतीय कानून में इसे गैरकानूनी नहीं माना जा सकता। लेकिन यहां नैतिकता और सामाजिक संबंधों की मर्यादा का सवाल खड़ा होता है।
रिश्तों की मर्यादा या व्यक्तिगत स्वतंत्रता?
यह मामला सिर्फ एक अजीब घटना नहीं है, बल्कि यह समाज की सोच, रिश्तों की परिभाषा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच टकराव को उजागर करता है। कुछ लोग इसे स्वतंत्रता का दुरुपयोग मानते हैं।कुछ इसे नैतिक पतन की निशानी करार दे रहे हैं।वहीं कुछ इसे व्यक्तिगत निर्णय का अधिकार कहकर समर्थन भी कर रहे हैं।मगर जब मामला ससुर-बहू जैसे पवित्र रिश्ते से जुड़ा हो, तब समाज की संवेदनशीलता और संस्कृति की मर्यादा का प्रश्न भी उठना स्वाभाविक है।