मेरठ: उत्तर प्रदेश में एक और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जिसमें रिटायर्ड दारोगा महेंद्र सिंह सैनी की काली कमाई का राज खुला है। चार साल तक चली जांच के बाद यह तथ्य सामने आया कि महेंद्र सिंह ने अपनी नौकरी के दौरान वैध सोर्स से 58,04,666 रुपए कमाए, लेकिन उन्होंने 1,43,84,668 रुपए खर्च किए, जो उनकी आय से 147 प्रतिशत अधिक था। यह खुलासा करने के बाद विजिलेंस विभाग ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
संपत्ति का खुलासा और छापामारी
विजिलेंस विभाग की टीम ने बुधवार को एएसपी इंदू सिद्धार्थ के नेतृत्व में महेंद्र सिंह सैनी के विभिन्न ठिकानों पर छापामारी की। इनमें महेंद्र सिंह का आवास कीर्ति पैलेस, ए-63 और ए-3 और उनका जागृति विहार स्थित न्यू दिल्ली पब्लिक स्कूल शामिल था। छापामारी के दौरान यह सामने आया कि महेंद्र सिंह के घर और स्कूल की संपत्ति का मूल्य साढ़े 14 करोड़ रुपये के आसपास था।
संपत्ति की विस्तृत जानकारी
छापामारी के दौरान महेंद्र सिंह के घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ मिले, जिनमें 30 भूमि क्रय संबंधी कागजात, बैंकों के 10 खातों के अभिलेख, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आभूषण, और अन्य सामान शामिल थे। उनके घर से एक कार और तीन स्कूटी भी बरामद हुईं। इसके अलावा, न्यू दिल्ली पब्लिक स्कूल की कीमत साढ़े 11 करोड़ रुपये आंकी गई है। स्कूल की सोसाइटी की अध्यक्ष महेंद्र सिंह की पत्नी शकुंतला को बनाया गया है, जबकि उनका बेटा अनुराग सैनी स्कूल के प्रबंधक और महामंत्री के पद पर कार्यरत है।
महेंद्र सिंह की संलिप्तता
विजिलेंस की टीम ने पाया कि महेंद्र सिंह ने यूपी पुलिस में अपनी सेवा के दौरान वैध तरीके से कमाई की कुल राशि से 147 प्रतिशत ज्यादा खर्च किया। इसके बाद विजिलेंस विभाग ने उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) और 13 (2) के तहत दोषी मानते हुए मुकदमा दर्ज किया है।
परिवार ने किया विरोध
छापामारी के दौरान महेंद्र सिंह के परिवार के सदस्यों ने विरोध किया, लेकिन स्थानीय पुलिस की मदद से स्थिति को नियंत्रित किया गया और शांतिपूर्ण तरीके से जांच की प्रक्रिया जारी रखी गई।
विजिलेंस विभाग की टीम ने महेंद्र सिंह सैनी से उनकी संपत्ति के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। इस खुलासे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई को स्पष्ट रूप से सामने रखा है, और यह एक चेतावनी भी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई और तेज़ होगी। यह मामला स्पष्ट करता है कि सरकारी कर्मचारियों की काली कमाई को रोकने के लिए प्रशासन की कार्रवाई और जांच तेज़ की जाएगी।