Stampede In Maha Kumbh Live 2025 : प्रयागराज में महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान मची भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। इस हादसे के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक तीन बार सीएम से फोन पर बात कर राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ले चुके हैं। कई नेताओं ने इस मामले में दुख जाता है तो वहीं विपक्ष सरकार पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं। वहीं सीएम योगी लगातार इस मामले को देख रहे हैं। सीएम योगी के आवास पर बैठक शुरू हो गई है। डीजीपी और एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) बैठक में शामिल हैं। महाकुंभ में हुए हादसे के बाद सीएम योगी बड़ी बैठक कर रहे हैं।
PM मोदी लगातार ले रहे अपडेट
भगदड़ के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक घंटे में दो बार CM योगी से बात की। उन्होंने राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए और फिर दोबारा फोन कर ताजा अपडेट लिया। प्रशासन अब सतर्क मोड में है और भीड़ प्रबंधन को लेकर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस ने इस हादसे को लेकर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ बेहद दुखद है। यह हादसा महाकुंभ की अव्यवस्था और यूपी सरकार की नाकामी को दर्शाता है। योगी सरकार ने जनता के हित में खर्च करने की बजाय अपनी ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर सारा पैसा बहा दिया।" उन्होंने दावा किया कि पार्टी लगातार प्रशासन को चेतावनी दे रही थी, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
मायावती ने जताया दुख
बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "महाकुंभ में हुई भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत और घायलों की खबर अत्यंत दुःखद और चिंताजनक है। ईश्वर पीड़ित परिवारों को इस दुख को सहने की शक्ति दे।"
अखाड़ा परिषद का अमृत स्नान पर नया बयान
हादसे के बाद अखाड़ा परिषद ने पहले अमृत स्नान स्थगित करने का फैसला लिया था, लेकिन अब परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा, "परंपरा नहीं टूटेगी। भीड़ कम होने के बाद अखाड़ों के साधु-संत अमृत स्नान करेंगे।"
अखिलेश यादव ने सरकार से की ये मांगें
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने हादसे को अव्यवस्था का नतीजा बताते हुए सरकार से कड़े कदम उठाने की अपील की। उन्होंने मांग की कि— गंभीर रूप से घायलों को एयर एंबुलेंस से बेहतरीन अस्पतालों में भेजा जाए। मृतकों की पहचान कर उनके परिजनों को शव सौंपने और उनके गृहनगर तक भेजने की व्यवस्था हो। लापता श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द उनके परिवार से मिलाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। हेलीकॉप्टर से निगरानी बढ़ाई जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। ‘शाही स्नान’ की परंपरा को सुरक्षित रूप से जारी रखते हुए राहत कार्य भी तेजी से किए जाएं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे धैर्य और संयम बनाए रखें।