Stampede In Maha Kumbh 2025: मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में स्नान का विशेष महत्व होता है, जिस कारण इस दिन अन्य दिनों की तुलना में भारी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचते हैं। इस साल भी लाखों भक्त स्नान के लिए उमड़े, लेकिन देर रात 1 बजे अचानक संगम नोज पर भगदड़ मच गई। इस घटना में कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस मामले में सीएम योगी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। सीएम योगी ने लोगों से खास अपील की है।
सीएम योगी और पीएम मोदी ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के बाद श्रद्धालुओं से अपील की कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और जहां हैं, वहीं स्नान करें। उन्होंने कहा कि संगम नोज की ओर जाने से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना को लेकर सीएम योगी से दो बार बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली। गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से चर्चा कर केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
कैसे हुई भगदड़? प्रशासन के पास ठोस जवाब नहीं
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात में अचानक भक्तों की भीड़ का एक बड़ा रेला संगम नोज की ओर बढ़ने लगा, जिससे अफरा-तफरी मच गई। कई श्रद्धालु बैरिकेडिंग पर चढ़कर उसे तोड़ने की कोशिश करने लगे, जिससे भगदड़ और तेज हो गई। प्रशासन ने अब तक हादसे के कारणों पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है।
घायलों का इलाज जारी, कई अब भी लापता
घटना के बाद घायलों को महाकुंभ नगर के केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया। कई श्रद्धालु अभी भी अपने परिवार के सदस्यों को ढूंढ रहे हैं और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
अखाड़ा परिषद ने जताया दुख, शाही स्नान रद्द
इस घटना से अखाड़ा परिषद भी बेहद दुखी है। कई संतों और महंतों ने अपने शाही स्नान को रद्द करने का फैसला किया। कुछ साधु-संतों ने संगम जाने के बजाय अपने कैंपों में ही गंगा का आचमन कर स्नान किया।
करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की थी संभावना
मौनी अमावस्या पर इस बार 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना थी। दो दिन पहले से ही महाकुंभ नगर में भक्तों की भारी भीड़ जुटने लगी थी। लेकिन भगदड़ के इस हादसे ने पर्व की खुशियों को गम में बदल दिया। प्रशासन अब स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।