काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को योगी सरकार ने दिया राज्यकर्मी का दर्जा, जानें कितनी मिलेगी सैलरी
Up News - यूपी की योगी सरकार ने चार दशक लंबित बिल को आज मंजूरी दे दी। जिसके बाद विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का रास्ता साफ हो गया है।

Varanasi - चार दशक के लंबे इंतजार के बाद यूपी की योगी सरकार ने काशी विश्वनाथ मंदिर में कर्मचारी सेवा नियमावाली को न्यास ने हरी झंडी दे दी है। नई नियमावली के तहत न्यास के कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा प्राप्त होगा। इससे मंदिर के कर्मचारियों और अर्चकों का वेतन तीन गुना बढ़ जाएगा। यह निर्णय गुरुवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की 108वीं बैठक में लिया गया।
साल बाद भी नहीं बनी सेवा नियमावली
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को 1983 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिग्रहित किया गया था, लेकिन हैरानी की बात है कि 41 साल बाद भी इसकी सेवा नियमावली नहीं बन पाई। इस मुद्दे को सुलझाने के कई प्रयास किए गए, लेकिन कोई भी कोशिश सफल नहीं हो सकी। मंदिर को 13 अक्टूबर 1983 को संविधान के अनुच्छेद 201 के तहत काशी विश्वनाथ टेंपल एक्ट के अंतर्गत लाया गया था, फिर भी कर्मचारियों के लिए नियम नहीं बनाए जा सके।
कर्मचारियों के मानदेय में 30% की वृद्धि
श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद और कार्यपालक समिति की बैठक में कर्मचारियों के लिए कुछ राहत भरी खबर सामने आई है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि परिषद के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों का मानदेय 30% बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, पूर्णकालिक कर्मचारियों का महंगाई भत्ता भी पिछले साल की तरह बढ़ाया जाएगा, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से लाभ होगा।
नए बजट को मिली मंजूरी
बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष के बजट को भी अनुमोदित किया गया, जो मंदिर के विकास और संचालन के लिए महत्वपूर्ण है। यह बजट मंदिर के आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत करता है और आगामी योजनाओं के लिए वित्तीय आधार प्रदान करता है। बजट की मंजूरी से मंदिर से जुड़े कार्यों को और गति मिलेगी।
धाम में बनेगा अत्याधुनिक डिजिटल संग्रहालय
काशी विश्वनाथ धाम को और आकर्षक बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। बैठक में यह तय किया गया कि धाम में एक अत्याधुनिक डिजिटल संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। यह संग्रहालय श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मंदिर के इतिहास, संस्कृति और महत्व के बारे में डिजिटल माध्यम से जानकारी देगा।
आय बढ़ाने के लिए नई रणनीतियाँ
मंदिर की आय बढ़ाने के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इम्पोरियम सहित अन्य संपत्तियों के संचालन के लिए एक नया किराया दर तय किया जाएगा। इसके साथ ही, एक नई कंसल्टेंसी फर्म को भी नियुक्त किया जाएगा, जिसका काम मंदिर के लिए आय के नए विकल्प और रणनीतियाँ सुझाना होगा।