N4N DESK - शिक्षा विभाग ने एक रिक्शा चालक को 51 लाख रुपए का रिकवरी नोटिस भेजा है। विभाग का आरोप है कि रिक्शा चालक एक स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में काम कर रहा था। इस दौरान उसने नियमित रूप से वेतन उठाया। अब मामला सामने आने के बाद रिक्शा चालक से वेतन के पैसे वापस करने के लिए कहा गया है। वहीं शिक्षा विभाग का नोटिस मिलने के बाद रिक्शा चालक का परिवार परेशान है कि इतनी बड़ी राशि वह कहां से लौटाएगा।
दूसरे की जगह सहायक शिक्षक की नौकरी का आरोप
रिक्शा चालक के सहायक शिक्षक बनने का यह मामला यूपी के श्रावस्ती जिले से जुड़ा है। यहां के शिक्षा विभाग का आरोप है कि अंबेडकर नगर के एक व्यक्ति सुरेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर भिनगा क्षेत्र के गोड़पुरवा निवासी रिक्शा चलानेवाला मनोहर यादव श्रावस्ती के उच्च प्राथमिक विद्यालय नव्वा पुरवा में सहायक शिक्षक के रूप में काम कर रहा था। इस दौरान 14 जुलाई 2020 तक 51 लाख 63000 रुपये वेतन के रूप में लिया गया है।
मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने रिक्शा चालक मनोहर यादव को रिकवरी नोटिस जारी किया है। नोटिस में उसे हफ्ते भर में रिकवरी की रकम श्रावस्ती के कोषागार में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। पैसे जमा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
मनोहर ने बताया खुद को निरक्षर
नोटिस को मनोहर यादव पढ़ाने के लिए गांव में पढ़े-लिखे व्यक्ति के पास गए जहां पर उन्हें 51 लाख से अधिक रिकवरी के नोटिस की जानकारी हुई। नोटिस की जानकारी होने पर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। रिकवरी नोटिस मिलने से परेशान मनोहर यादव ने बताया कि उसका पूरा परिवार भिनगा क्षेत्र के गोड़ पुरवा में निवास करता है. जबकि वह खुद कुछ समय से दिल्ली में रहकर हाथ रिक्शा चलाता है ताकि परिवार का पालन पोषण कर सकें। मनोहर ने बताया कि वो पढ़े-लिखे नहीं है, निरक्षर हैं। जब से नोटिस मिला है तब से खाना नहीं खाया.मेरे पास कुछ है नहीं जिससे ये रकम चुका पाएं
शिक्षा विभाग ने क्या कहा
वहीं इस मामले में शिक्षा विभाग के कर्मियों का मौखिक कहना है कि नोटिस उन्हीं के कार्यालय से जारी हुई थी और फिलहाल नोटिस को निरस्त कर दिया गया है। उसी विद्यालय के वर्तमान शिक्षक जनार्दन यादव ने बताया कि मैं 2020 के बाद यहां आया हूं। फर्जी शिक्षक के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।