Success story: काशी की मछोदरी इलाके की रहने वाली आरफा उस्मानी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 111वीं रैंक हासिल कर देशभर में नाम कमाया। उनकी सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
साधारण परिवार, असाधारण उपलब्धि
पिता: मोहम्मद असलम खान, दालमंडी में दुकान चलाते हैं और 10वीं तक पढ़े हैं।
मां: मेहनाज, गृहिणी।
भाई: बड़े भाई मोहम्मद शादान खान, IIT-IIM से पढ़ाई कर वर्तमान में रिजर्व बैंक मुंबई में मैनेजर हैं।
बहन: छोटी बहन आलिया उस्मानी, बीटेक करने के बाद नौकरी कर रही हैं।
कहां से आरफा उस्मानी ने की स्कूलिंग
काशी की मछोदरी इलाके की रहने वाली आरफा उस्मानी ने 8वीं तक कृष्ण मूर्ति फाउंडेशन स्कूल से पढ़ाई की. इसके बाद 10वीं सेंट जॉन्स स्कूल (2010 में ICSE बोर्ड से पूर्वांचल में प्रथम स्थान)। इसके बाद 12वीं की पढ़ाई डीपीएस वाराणसी से की।
आरफा उस्मानी ने हासिल की उच्च शिक्षा
आरफा उस्मानी ने IIT-BHU से मैथमैटिक्स एंड कंप्यूटिंग में स्नातक की पढ़ाई की है। स्नातक के बाद बैंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी। बता दें कि आरफा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए चार साल तक सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी।पहले तीन प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन चौथे प्रयास में उन्होंने 111वीं रैंक हासिल की। तीसरे प्रयास में वह इंटरव्यू तक पहुंचीं।
खेल और अन्य गतिविधियां
आरफा स्कूल के समय से ही बास्केटबॉल की बेहतरीन खिलाड़ी रही हैं। उनकी खेलों में रुचि ने उनके व्यक्तित्व को अनुशासन और दृढ़ता से विकसित किया। आरफा कहती हैं कि कड़ी मेहनत, अनुशासन और सही रणनीति के साथ यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को भी पार किया जा सकता है। उनकी कहानी दिखाती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद समर्पण से असंभव को संभव बनाया जा सकता है।