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UP NEWS: अरे बाप रे...राजधानी लखनऊ में भिखारियों की 90 हजार महीने की कमाई, सैटरडे-संडे ऑफ

UP NEWS: अरे बाप रे...राजधानी लखनऊ में भिखारियों की 90 हजार महीने की कमाई, सैटरडे-संडे ऑफ

UP NEWS: जब आप घर से बाहर निकलते हैं तो आपको रास्ते में कई सारी भिखारी मिलते होंगे आप भी सोचते होंगे की कुछ पैसे इन्हें दे दो इससे क्या ही हो जाएगा लेकिन लखनऊ में भिखारीयों के महीने के इनकम ने सभी को चौंका दिया है भिखारीयों के महीने की सैलरी जानकर आपको खुद पर शर्म आ जाएगी आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आप इतनी मेहनत करके भी इन भिखारी से कम ही कमाते होंगे। लोग सोचते हैं की भीख मांगना सबसे मजबूरी का काम है और जो लोग भीख मांगते हैं उनकी कई सारी मजबूरियां होंगी लेकिन भिखारीयों ने इसे अब अपना पेसा बना लिया है भिखारीयों पर हुए सर्वे ने सभी को चौंका कर रख दिया है।


पहले के समय में भीख मांगना मजबूरी का काम माना जाता था। जब किसी के पास जीविका का कोई और साधन नहीं बचता था, तभी लोग पेट भरने के लिए शर्म और मज़बूरी में भीख मांगते थे। लेकिन आज भीख मांगना कुछ लोगों के लिए आय का प्रमुख स्रोत बन गया है। हाल में हुए सर्वे और भिखारियों पर चलाए गए अभियान ने कुछ हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने लाए हैं, जिनसे ये साफ हुआ कि कुछ भिखारी लाखों रुपये तक की कमाई कर रहे हैं।


लखनऊ में भिखारियों की हैरान करने वाली कमाई

हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डूडा, नगर निगम और समाज कल्याण विभाग ने भिखारियों पर एक सर्वे किया, जिसमें 5,000 से अधिक भिखारियों की जानकारी जुटाई गई। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य था इन भिखारियों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना, लेकिन जांच में कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए। कई भिखारियों के पास पैन कार्ड और स्मार्टफोन जैसी सुविधाएं मिलीं। सर्वे से यह भी पता चला कि कुछ भिखारी महीने में 90,000 रुपये से भी अधिक कमा रहे हैं। खास बात यह है कि ये भिखारी वीकेंड्स पर भीख नहीं मांगते और फिर भी इनकी आय इतनी अधिक है।


महिलाओं को मिलती है अधिक भीख

सर्वे के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक भीख मिलती है, खासकर अगर महिला गर्भवती हो या उसके साथ गोद में बच्चा हो। ऐसे में उनकी दैनिक कमाई 3,000 से 5,000 रुपये तक हो जाती है। इसके अलावा, कई लोग इन्हें मुफ्त में खाना और कपड़े भी दे जाते हैं। लखनऊ के चारबाग इलाके में एक भिखारी के बैंक खाते में लाखों रुपये जमा मिले। जब उससे सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि उसे बस भीख मांगने की इजाजत चाहिए, सरकारी योजना का लाभ नहीं।


भारत में भीख मांगना बनता जा रहा है मुनाफे का जरिया

इस सर्वे से यह साफ हो गया कि आज भीख मांगना कुछ लोगों के लिए मजबूरी नहीं बल्कि एक व्यवसाय बन गया है। ऐसे भिखारियों की आय को देख कई लोग अपनी नौकरियों से अधिक कमाई इस पेशे में देख सकते हैं।

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