गर्भावस्था का आखिरी महीना (33 से 36 सप्ताह) मां और बच्चे दोनों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान पोषण और जीवनशैली पर विशेष ध्यान देने से स्वस्थ डिलीवरी और नवजात शिशु के विकास में मदद मिलती है। यह लेख प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में अपनाई जाने वाली पोषण संबंधी आदतों और सावधानियों पर केंद्रित है।
फोलिक एसिड का सेवन करें
गर्भावस्था के अंतिम चरण में शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का तेजी से विकास होता है। इसके लिए फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरा, और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए। यह शिशु की तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक है।
आयरन का महत्व
आयरन की कमी से गर्भवती महिलाओं में एनीमिया हो सकता है, जो न केवल मां के लिए बल्कि बच्चे के लिए भी जोखिमपूर्ण है। खजूर, सेब, पालक और चिकन जैसे आयरन युक्त भोजन का सेवन करें। साथ ही, आयरन के बेहतर अवशोषण के लिए विटामिन C से भरपूर चीजें जैसे नींबू, टमाटर, और संतरा खाएं।
कैल्शियम का सेवन करें
कैल्शियम न केवल मां की हड्डियों को मजबूत करता है बल्कि शिशु के कंकाल और दांतों के विकास के लिए भी आवश्यक है। डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही और पनीर का सेवन करें। एलर्जी की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम सप्लीमेंट्स लें।
फाइबर का सेवन बढ़ाएं
गर्भावस्था के दौरान गैस और कब्ज की समस्या सामान्य है। इसे दूर रखने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, दलिया, साबुत अनाज और फल खाएं। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
हीमोग्लोबिन का ध्यान रखें
डॉक्टरों के अनुसार, गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन का सही स्तर बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हरी सब्जियां, बीट, और गुड़ का सेवन करने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है। यह मां और बच्चे दोनों की सेहत को सुधारने में मदद करता है।
हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें
नियमित रूप से हल्की सैर करने से न केवल शरीर फिट रहता है, बल्कि यह नॉर्मल डिलीवरी के चांस को भी बढ़ाता है। हालांकि, भारी सामान उठाने या बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत से बचें।
डॉक्टर की सलाह लें
प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में कोई भी नया भोजन या सप्लीमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यह सुनिश्चित करें कि किसी भी पोषक तत्व की कमी न हो।
निष्कर्ष:
प्रेगनेंसी का आखिरी महीना मां और शिशु के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। सही पोषण, नियमित व्यायाम, और डॉक्टर की सलाह से यह समय न केवल सहज बन सकता है, बल्कि यह एक स्वस्थ शिशु के जन्म की ओर भी ले जाता है। इन टिप्स को अपनाकर जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रह सकते हैं।
(गर्भावस्था के इस महत्वपूर्ण समय में अपनी और अपने परिवार की खुशी बनाए रखें। तनावमुक्त रहें और डॉक्टर की बताई गई सलाह का पालन करें।)