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थानाध्यक्ष ने फोन नहीं उठाया तो भड़की महिला मंत्री पहुंच गई थाने, लगाई फटकार, कहा - जब हमारी नहीं सुन रहे तो आम जनता के साथ क्या करते होगे

UP NEWS - पुलिस की कार्यशैली कैसी है, यह इसी से समझा जा सकता है कि मंत्री ने छह बार कॉल किया, लेकिन एक बार भी थाना प्रभारी ने फोन नहीं उठाया, जिसके बाद गुस्से में महिला मंत्री खुद थाने पहुंच गई और थाना प्रभारी को जमकर फटकार लगाई।

  थानाध्यक्ष ने फोन नहीं उठाया तो भड़की महिला मंत्री पहुंच गई थाने, लगाई फटकार, कहा - जब हमारी नहीं सुन रहे तो आम जनता के साथ क्या करते होगे
थाने पहुंच गई राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला- फोटो : NEWS4NATION

N4N DESK - भाजपा कार्यकर्ता को बुरी तरह से पीटे जाने को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने पर महिला राज्य मंत्री ने थाने में एसएचओ को कॉल लगाया। लेकिन एक के बाद एक छह बार कॉल करने के बाद भी फोन रिसीव नहीं हुआ तो वह खुद थाने पहुंच गई। जहां उन्होंने थाना प्रभारी को जमकर फटकार लगाई। इस दौरान महिला राज्य मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि थाना प्रभारी जब मंत्री का फोन नहीं उठाते आम आदमी की क्या सुनते होंगे। हालांकि इसके बाद एडीएसपी ने तत्काल कार्रवाई की और पीड़ित की शिकायत दर्ज की।

यह पूरा मामला कानपुर के बर्रा थाने से जुड़ा है। बताया गया कि  भाजपा कार्यकर्ता महेश तिवारी से जुड़ा है। महेश तिवारी ने बताया कि उनके रिश्तेदार ने प्रॉपर्टी का काम करने वाले विनोद पाल से एक प्लॉट खरीदा था। जब पता चला कि प्लॉट दलित का है तो उसे बेच दिया। इसके बाद रिश्तेदार को न्यायालय से सम्मन प्राप्त हुआ।

गेस्ट हाउस में महेश को मरणासन्न हालत में छोड़ा

रिश्तेदार ने महेश तिवारी से शिकायत की तो महेश ने विनोद को फोन किया। विनोद ने अपने गेस्टहाउस मिलने के लिए बुलाया, रविवार शाम महेश गेस्टहाउस पहुंचे तो आरोप है कि विनोद ने साथियों संग पीटकर मरणासन्न हालत में छोड़ दिया और भाग निकले। 

जरौली निवासी महेश तिवारी ने बताया कि लहूलुहान हालत में महेश का बेटा रिश्तेदार संग पहुंचा और उन्हें थाने ले आया। परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। बेटे ने स्वयं पिता महेश को ले जाकर एक निजी अस्पताल में उपचार कराया। 

राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने लिया संज्ञान

इसके बाद दोबारा थाने पहुंचे तो भी सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद महेश ने राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला को सूचना दी। मंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और उनके पीआरओ ने बर्रा इंस्पेक्टर के सीयूजी नंबर पर शाम को छह फोन किए फोन नहीं उठा। जिसके बाद उनके पति व पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने पुलिस कमिश्नर से मामले में शिकायत की। इसके बाद राज्यमंत्री अपने पति के साथ खुद बर्रा थाने पहुंच गई।

चौकी की जिम्मेदारी संभालने लायक नहीं

राज्यमंत्री के पति अनिल शुक्ला वारसी ने कहा कि थाने चौकी में लोगों की मदद के लिए होते हैं। ऐसा नहीं होगा तो जंगलराज कायम हो जाएगा। पहले ऐसा होता रहा होगा। मगर अब भी कुछ ऐसे लोग बचे हैं जिन्हें सुधारना है। मैं अधिकारियों से यहीं कहूंगा की थानों चौकियों की जिम्मेदारी उन्हीं को दें जो इसके लायक हो।

अपराधियों के साथ सांठगांठ करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करें। जो लोग थाने चौकी नहीं सम्भाल सकते उनसे कुछ और काम लिया जाए। वहीं, बर्रा थाना प्रभारी राजेश शर्मा का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज की जा रही थी उसी दौरान मंत्री जी थाने आ गई।

एडीसीपी ने मंत्री के गुस्से को किया शांत

राज्यमंत्री के थाने पहुंचने के सूचना पर तत्काल एडीसीपी साउथ महेश कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली साथ ही राज्यमंत्री को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में जांच कराकर कार्रवाई कराएंगे। उन्होंने पीड़ित से घटना की जानकारी भी ली और तत्काल उसे मेडिकल परीक्षण के लिए भिजवाया। तब मंत्री का गुस्सा शांत हो सका।

थाने में क्यों हुई लापरवाही, होगी जांच

इस मामले में एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने कहा कि पीड़ित की सुनवाई क्यों नहीं हुई, उस समय थाने में कौन था, थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए जाएंगे। जांच एसीपी नौबस्ता को दी गई है। कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पीड़ित की तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा गया है।



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