DESK - उत्तराखंड में हिन्दूओं के पवित्र माने जानेवाले केदारनाथ में उपचुनाव होनेवाले हैं। लेकिन यहां लोगों के बीच उपचुनाव से ज्यादा चर्चा शराब के ठेके को लेकर दो आईएएस के बीच की लड़ाई को लेकर हो रही है। जिन दो आईएएस की बात हो रही है। उनमें एक केदारनाथ के डीएम सविन बसंल हैं, जिन्होंने शराब की दुकान को बंद करवा दिया, वहीं दूसरी तरफ आबकारी आयुक्त हरिचंद्र सेमवाल हैं। जिन्होंने डीएम के आदेश पर स्टे लगाते हुए दुकान फिर से शुरू करने के आदेश जारी कर दिया। अब दोनों आईएएस में कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, बात कोई आठ दस दिन पुरानी है। दून के नये नये डीएम सविन बंसल के जनता दरबार में परेशान स्थानीय लोगों ने राजपुर रोड के इस ठेके पर गैरकानूनी ढंग से शराब पिलाने पर शिकायत की। कहा कि, ओपन बार से शराबियों के कारण महिलाओं का आना जाना दूभर हो गया है। डीएम ने इसे गंभीरता से लिया और उन्होंने तत्काल ठेके को सील करवा दिया, साथ ही लाइसेंस भी 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया। जहां इलाके की जनता डीएम से खुश थी।
वहीं दूसरी तरफ इस कार्रवाई से भन्नाए शराब के ठेकेदार ने आईएएस व आबकारी आयुक्त के यहां अर्जी लगाई। आबकारी आयुक्त हरिचंद्र सेमवाल को शराब ठेकेदारों की बात पसंद आई और उन्होंने डीएम के फैसले पर स्टे ऑर्डर दे दिया। अपनी जीत देख ठेकेदार ने दुकान खोलने की तैयारी कर दी। लेकिन डीएम साहब भी अपनी पर आ गए। और दुकान नहीं खुलने दी। अब स्टे के बाद भी चार -पांच दिन से शराब का ठेका बन्द है।
किस आधार पर दिया स्टे
डीएम सविन बंसल यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने आबकारी आयुक्त को पत्र लिख कर कह दिया कि उनके फैसले में क्या कमी थी जो स्टे दिया गया। शराब के ठेके पर ओपन बार चलाने से लोगों को परेशानी हो रही थी। डीएम के पत्र के बाद सनसनी थोड़ी और बढ़ गयी। बहरहाल, आयुक्त सेमवाल ने स्टे पर सुनवाई की नई तारीख तय कर दी है।
विपक्ष ले रहा मजे
प्रदेश में शराब ठेके को लेकर दो आईएएस के बीच छिड़ी जंग का विपक्ष भी मजे ले रहा है। केदारनाथ उपचुनाव का बिगुल भी बज चुका है। विपक्ष भी ठेके की जंग में आमने सामने आये दो आईएएस के स्टैंड पर खूब चुटकियां ले रहा है।