SCO Summit: ट्रंप को एससीओ की दो-टूक, पुतिन का डॉलर पर प्रहार, अब अपनी करेंसी में होगा कारोबार
SCO Summit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़बोलापन और हर देश पर धौंस जमाने का अंदाज़ अब उन्हीं पर भारी पड़ने वाला है।

SCO Summit: अंतरराष्ट्रीय राजनीति के रंगमंच पर इस वक्त सबसे बड़ा ड्रामा चल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़बोलापन और हर देश पर धौंस जमाने का अंदाज़ अब उन्हीं पर भारी पड़ने वाला है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के समिट में शामिल 10 देशों ने मिलकर ट्रंप और अमेरिका को जवाब देने का मास्टरप्लान बना लिया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एससीओ मंच से बिना किसी लाग-लपेट के ट्रंप और डॉलर की बादशाहत को सीधी चुनौती दे दी। पुतिन ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम अपनी करेंसी में कारोबार करें।एससीओ के लिए एक स्वतंत्र भुगतान तंत्र और नया सेटलमेंट स्ट्रक्चर तैयार होगा।रूस इस पूरी प्रक्रिया में आगे बढ़कर मदद करेगा।पुतिन के बयान का सीधा मतलब है कि अब एससीओ सदस्य देश आपसी व्यापार के लिए डॉलर पर निर्भर नहीं रहेंगे। सीधे शब्दों में कहें तो अमेरिका का आर्थिक हथियार अब कुंद पड़ने वाला है।
यह वही ट्रंप हैं जिन्होंने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान डॉलर को कमजोर करने वालों को टैरिफ की धमकी दी थी। लेकिन अब जब उन्होंने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ लगा दिया है, तो देशों के बीच का भय खत्म हो चुका है और अब सब मिलकर अमेरिका को करारा जवाब देने की तैयारी में हैं।रूसी राष्ट्रपति का यह ऐलान निश्चित तौर पर ट्रंप को मिर्ची लगाने वाला है। उनकी “अमेरिका फर्स्ट” पॉलिसी अब “अमेरिका आइसोलेटेड” में बदलने लगी है।
एससीओ में शामिल चीन, भारत, पाकिस्तान, कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, ईरान और अन्य सदस्य अब डॉलर की बजाय अपनी मुद्रा में व्यापार करेंगे। यह कदम न सिर्फ अमेरिकी आर्थिक दबाव को तोड़ेगा, बल्कि बहुध्रुवीय दुनिया की नींव भी मज़बूत करेगा।यानि साफ है ट्रंप का धमकाने वाला अंदाज़ अब वैश्विक बिरादरी को और एकजुट कर रहा है। पुतिन के तेवर से साफ संदेश है कि डॉलर की बादशाहत पर अब बहुपक्षीय हमला शुरू हो चुका है।