Bihar Judicial Service Exam Result News - जीविका समूह चलाने वाली महिला का बेटा बना जज, बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में 120 वां रैंक लाकर जिले का नाम किया रौशन

Bihar Judicial Service Exam Result News - औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के शिवगंज निवासी जीविका समूह चलाने वाली सुनैना देवी के बेटे आदर्श कुमार ने BPSC द्वारा आयोजित बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है। उन्हे बिहार ज्यूडिशल

जीविका समूह चलाने वाली का बेटा बना जज
जीविका समूह चलाने वाली का बेटा बना जज - फोटो : DINANATH MAUAAR

Bihar Judicial Service Exam Result News  - औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के शिवगंज निवासी विजय साव‌ के पुत्र आदर्श कुमार ने BPSC द्वारा आयोजित  बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है।आदर्श कुमार की मां सुनैना देवी एक कुशल ग्रहणी है जो जीविका समूह चलाकर अपनी जीवन यापन करती है आदर्श कुमार की प्रारंभिक पढ़ाई झारखंड राज्य के बोकारो में DAV स्कुल में हुई। इसके बाद इन्होंने 5 साल तक  BA-LLB की पढ़ाई पटना स्थित नेशनल लॉ कॉलेज से किया था । 

 अपने सफलता के बाद आदर्श कुमार ने बताया कि स्कूलिंग करने के बाद कॉलेज में एडमिशन लेने के उपरांत मुझे जज के परीक्षा करने  इच्छा हुई थी  ।  मैं इसके प्रति पूरे लगन के साथ लग गया । 12वीं क्लॉस की शिक्षा पूरी करने के बाद बीए एलएलबी में एडमिशन लिया। उन्होंने बताया कि बिहार ज्यूडिशल जज की परीक्षा  में 120 वां रैंक हासिल हुआ है। उन्होंने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद पहली बार परीक्षा दिया था और पहले अटेम्प्ट में ही यह मेरा चयन हो गया ।  उन्होंने कहा कि आज सभी बच्चे अच्छी मुकाम पर जा सकते हैं अगर पढ़ाई सही से करें तो और सही गाइडलाइंस मिलता रहा तो सभी बच्चे अच्छा कर सकते हैं। 

आदर्श कुमार ने यह भी बताया कि कोई बड़ी मुकाम हासिल करने के लिए आपको टारगेट सेट करना होगा। उसके बाद उसको रूटिंग बनाकर उसे पर कार्य करना होगा । उन्होंने बताया कि लोगों को पिछले वर्ष की प्रश्नों को जरुर देखना चाहिए और उसे पर अमल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनकी तीन बहन है । जिसमें बडी बहने लक्ष्मी और रेखा और अपने माता-पिता को यह श्रेय देना चाहते हैं।आदर्श कुमार के पिता विजय साव ने जानकारी देते हुए बताया कि  मैं अपने भाई के किराना दुकान पर साथे रह कर काम करता हूं । उन्हेने कहा कि मुझे अपने बेटे पर शुरू से ही भरोसा था।  

औरंगाबाद  से दीनानाथ मौआर  की रिपोर्ट 

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