Bihar Land Mafia : भू-माफियाओं के आगे बेबस बिहार सरकार, खरनई नदी की जमीन पर गुंडों का कब्जा, अब बेचने की तैयारी

बिहार में भूमि विवाद के कारण हो रही हिंसक घटनाएं हो रही हैं। मारपीट, गोलीबारी और हत्या की बात आम हो गई है। सरकारी दावे के विपरित खरनई नदी की जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर प्लाटिंग कर दी है।

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भू-माफियाओं के आगे बेबस बिहार सरकार,- फोटो : social Media

Bihar Land Mafia : नवगछिया नगर परिषद क्षेत्र में बहने वाली खरनई नदी की जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर प्लाटिंग कर दी है। स्थानीय प्रशासन के बावजूद, ये माफिया भोली-भाली जनता को जाल में फंसाकर इन प्लॉटों को बेचने की कोशिश कर रहे हैं।

नदी की जमीन पर प्लाटिंग, प्रशासन अनजान

पांच-छह साल पहले नदी का पानी सूख जाने के बाद से ही खाली पड़ी नदी की जमीन पर भू-माफियाओं ने अपनी नजरें गड़ा दी थीं। हैरानी की बात यह है कि नदी की जमीन पर पिलर गाड़ दिए जाने के बावजूद, स्थानीय प्रशासन को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी। पहले भी खरनई नदी किनारे से अतिक्रमण हटाने के लिए जमीन की मापी कराई गई थी और 17 लोगों को नोटिस दिया गया था, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

सरकारी योजनाओं के बावजूद भू-माफियाओं का उत्पात

सरकार नदियों, तालाबों और कुओं को बचाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन कुछ दबंग भू-माफिया इन योजनाओं की परवाह किए बिना खरनई नदी की जमीन को बेचने में लगे हुए हैं। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मुकेश कुमार ने इस बात को स्वीकार किया है कि अगर खरनई नदी की जमीन बेची जा रही है तो यह गलत है। उन्होंने इस मामले में अंचल प्रशासन से बात करने की बात कही है। वहीं, सीओ संतोष सुमन ने कहा कि भू-माफिया नदी की जमीन नहीं बेच सकते और जल्द ही वहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा।

खरनई नदी का ऐतिहासिक महत्व

बिहुला विषहरी की लोक गाथा में सोने की नाव का जिक्र है। जानकारों के अनुसार, कभी खरनई नदी की धाराओं में बिहुला की नाव अटखेलियां करती थी। यह नदी पहले कोसी की मुख्य धारा हुआ करती थी और इलाके का प्रमुख व्यापारिक और यातायात का केंद्र थी। नदी किनारे बसे नंदलाल घाट, ठाकुरबाड़ी घाट, मील टोला घाट का नाम आज भी प्रचलित है।

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