Odisha Puri Rath Yatra stampede: ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़, 3 की मौत, 30 घायल
Odisha Puri Rath Yatra stampede:ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के पास रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए।

Odisha Puri Rath Yatra stampede: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, जो ओडिशा के पुरी में हर साल बड़े धूमधाम से निकाली जाती है। इस साल एक दुखद हादसे में बदल गई। सुबह 4:30 बजे जब तीनों देवताओं भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के पवित्र रथ श्री गुंडिचा मंदिर की ओर अग्रसर हो रहे थे, तभी हजारों की संख्या में जुटी भीड़ में भगदड़ मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही रथ मंदिर के पास पहुंचे, श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। कुछ लोग गिर पड़े और वहीं पर पैरों तले कुचल दिए गए। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें 70 वर्षीय प्रेमकांत मोहंती और दो महिलाएं — प्रभाती दास और बसंती साहू — शामिल हैं। सभी मृतक ओडिशा के खुर्दा जिले से रथ यात्रा के दर्शन के लिए आए थे।घटनास्थल पर उपस्थित पुलिस बल की संख्या स्पष्ट रूप से अपर्याप्त थी, जिससे हालात को संभालने में देरी हुई। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, घायलों की संख्या 30 से अधिक है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
रथ यात्रा की परंपरा और उसका महत्व
पुरी की रथ यात्रा भारतीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं का एक प्रमुख हिस्सा है। यह यात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के तीन विशाल रथों के साथ शुरू होती है। श्री गुंडिचा मंदिर, जो लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित है, को इस दौरान 'मासी का घर' माना जाता है, जहां देवता एक सप्ताह तक निवास करते हैं। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव होता है। परंतु, आज की घटना ने इस पवित्र आयोजन को दागदार कर दिया है।
राजनीति भी हुई तेज: आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
हादसे के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। बीजेडी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसे “भयानक गड़बड़ी” करार देते हुए कहा, “महाप्रभु जगन्नाथ उन सभी को माफ करें जो इस साल इस दिव्य उत्सव पर हुई गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हैं।”ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बीजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि "अतीत में बीजेडी सरकार ने भगवान जगन्नाथ का अपमान किया है।" हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन संकेत साफ थे।