Bihar Police HQ: कुख्यात अपराधियों को कैसे मिलेगी सजा,बदमाशों का डोजियर तो हो गया तैयार लेकिन उसका नाम पता तक गायब,लापरवाही करने वालों छोड़ेंगे नहीं बड़े साहेब

पुलिस द्वारा कुख्यात अपराधियों का डोजियर तैयार करने में लापरवाही बरती जा रही है। इसमें दोषियों के नाम और पते को भी दर्ज नहीं किया जा रहा है। इस प्रकार की लापरवाही के उजागर होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने भागलपुर समेत सभी जिलों को निर्देशित किया है।

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Bihar Police HQ: भागलपुर में पुलिस द्वारा अपराधियों के डोजियर तैयार करने में लापरवाही बरती जा रही है। डोजियर में आवश्यक जानकारी जैसे अपराधी का नाम, पता, रंग-रूप, अपराधिक इतिहास आदि शामिल नहीं किया जा रहा है। इस लापरवाही के कारण अपराधियों की पहचान करना और उन पर नजर रखना मुश्किल हो रहा है।

पुलिस द्वारा कुख्यात अपराधियों का डोजियर तैयार करने में लापरवाही बरती जा रही है। इसमें दोषियों के नाम और पते को भी दर्ज नहीं किया जा रहा है। इस प्रकार की लापरवाही के उजागर होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने भागलपुर समेत सभी जिलों को निर्देशित किया है। मुख्यालय का कहना है कि इस तरह की लापरवाही के कारण अपराधियों की पहचान करना और उनके आपराधिक इतिहास को डोजियर में शामिल करना कठिन हो रहा है। इसे शीघ्र सुधारने के लिए कहा गया है।

रंग, लंबाई, भाषा और बालों के रंग की जानकारी देना आवश्यक है: किसी अपराधी का डोजियर तैयार करते समय उसमें सभी आवश्यक जानकारियाँ, चाहे वे छोटी हों या बड़ी, शामिल करना अनिवार्य है। इसमें अपराधी का नाम, पता, पिता का नाम, सभी रिश्तेदारों और करीबी लोगों की जानकारी, उसकी शारीरिक विशेषताएँ जैसे रंग-रूप, चेहरा, ऊँचाई, बालों का रंग, और वह कौन सी भाषा बोलता है, शामिल होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, यह भी आवश्यक है कि वह कितने मामलों में अभियुक्त रहा है और किस प्रकार के मामलों में उसकी संलिप्तता रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डोजियर में उस अपराधी का फोटो भी होना चाहिए। डोजियर के खुलने के बाद, उसकी समीक्षा हर तीन, छह और बारह महीने में की जाती है। यदि अपराधी के आचरण में सुधार होता है, तो उसकी श्रेणी में बदलाव किया जा सकता है, लेकिन उसका नाम डोजियर से नहीं हटाया जाता।

यह डोजियर होता है, ऐसे अपराधियों को किया जाता है शामिल: डोजियर क्रिमिनल (डीसी) एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग पुलिस बलों में अपराधियों के वर्गीकरण के लिए किया जाता है। डोजियर क्रिमिनल वह व्यक्ति होता है जिसने गंभीर अपराध किए हों। ऐसे अपराधियों का डोजियर तैयार किया जाता है जो पेशेवर अपराधी होते हैं और लगातार बड़े अपराधों को अंजाम देते हैं। आर्थिक अपराधों में संलिप्त रहने वाले व्यक्तियों का भी डोजियर बनाया जाता है। डोजियर का प्रस्ताव थाना स्तर पर प्रस्तुत किया जाता है। यह प्रस्ताव सर्किल इंस्पेक्टर और डीएसपी के माध्यम से जिले के एसपी के पास पहुंचता है। एसपी के आदेश पर डोजियर खोला जाता है। सेवानिवृत्त डीएसपी आरके झा ने बताया कि जिनका डोजियर खोला जाता है, उन पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। यह देखा जाता है कि वे क्या कर रहे हैं, उनका व्यवसाय क्या है, और वे स्वयं अपराध से दूर रहकर किसी अन्य व्यक्ति से अपराध तो नहीं करवा रहे हैं।


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