जम्मू-कश्मीर पर लिखी 25 किताबें हुई प्रतिबंधित, अरुंधति राय की आजादी सहित अन्य किताबों पर अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप

जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर लेखिका अरुंधति राय की आजादी समेत कश्मीर पर लिखी गई 25 किताबों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

25 books banned by Jammu and Kashmir government- फोटो : news4nation

Jammu and Kashmir: लेखिका अरुंधति राय की आजादी समेत कश्मीर पर लिखी गई 25 किताबों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इन किताबों को बाजार से जब्त करने का आदेश दिया है। आरोप है कि ये किताबें भारत की संप्रभुता के लिए खतरा हैं। कथित आरोपों में कहा गया है कि इन किताबों द्वारा अलगाववाद को बढ़ावा दिया गया है।


 जम्मू-कश्मीर प्रशासन का दावा है कि ये किताबें केंद्र शासित प्रदेश में "झूठे आख्यान और अलगाववाद" को बढ़ावा देती हैं। प्रतिबंधित किताबों में लेखिका अरुंधति रॉय की "आज़ादी", संवैधानिक विशेषज्ञ एजी नूरानी की "द कश्मीर डिस्प्यूट 1947-2012" और राजनीति विज्ञानी सुमंत्र बोस की "कश्मीर एट द क्रॉसरोड्स" और "कॉन्टेस्टेड लैंड्स" शामिल हैं।


जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना में इन किताबों को प्रतिबंधित करने के पीछे तर्क भी दिया गया है। राज्य गृह विभाग के मुख्य सचिव चंद्रेकर भारती ने कहा, "अगर कोई साहित्य ऐतिहासिक घटना या राजनीतिक टिप्पणी से जोड़कर लिखा जाता है। वह युवाओं की कट्टरतावादी सोच, हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देता है। ऐसा साहित्य स्थानीय लोगों में पीड़ित होने के भय को बढ़ावा देता है और आतंकवादी वीरता की संस्कृति को बढ़ाकर युवाओं की मानसिकता पर गहरा प्रभाव छोड़ता है।"


यह एक्शन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 98 के तहत लिया गया है। इसके अलावा, आईपीसी की धारा 152, 196 और 197 भी लगाई गई हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने जिन लेखकों की किताबें बैन की गई हैं, उनमें कई फेमस नाम एजी नूरानी, सुमित्रा बोस, अरुंधति रॉय, मौलाना मौदूदी, पंकज मिश्रा, विक्टोरिया शॉफील्ड, स्टीफन पी कोहेन, हसन उल बना, डेविड देवदास और हाफ़सा कंजवाल भी हैं। इन सारे लेखकों की किताबें अब जम्मू-कश्मीर में नहीं मिलेंगी।


गृह विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन किताबों को बाजार से हटाया जाए और इन्हें आगे किसी भी रूप में प्रकाशित या बेचा न जाए। सरकार ने 25 पुस्तकों के साथ-साथ उनकी सभी प्रतियां और संबंधित दस्तावेजों को जब्त करने का आदेश दिया है।

ये किताबें प्रतिबंधित