भारत और इंडोनेशिया के बीच ब्रह्मोस मिसाइल डील, चीन और पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, टेंशन में पड़ोसी मुल्क
भारत ने इंडोनेशिया के साथ ब्रह्मोस मिसाइल डील कर चीन और पाकिस्तान को कूटनीतिक झटका दिया। भारत-इंडोनेशिया रक्षा संबंध हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की घेराबंदी और पाकिस्तान को अलग-थलग करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
Bharat-Indonesia Rishta: भारत ने चीन और पाकिस्तान को बड़ा कूटनीतिक संदेश देते हुए इंडोनेशिया के साथ अपने संबंधों को और मजबूत किया है। भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा संबंधों को मज़बूत करके, भारत न केवल हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की घेराबंदी कर रहा है, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को भी गहरा कर रहा है, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत हिन्द महासागर में चीन की चुनौती से निपटने के लिए आसियान देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है। भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति' इसी दिशा में है, जिसमें इंडोनेशिया एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारत का उद्देश्य हिन्द प्रशांत क्षेत्र में स्थित देशों के साथ रक्षा और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना है ताकि चीन के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सके। इस दिशा में, इंडोनेशिया के साथ मज़बूत संबंध चीन के प्रभाव को कम करने में अहम साबित होंगे।
पाकिस्तान को कूटनीतिक झटका
दूसरी ओर, पाकिस्तान कश्मीर और अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर इस्लामी देशों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचता रहा है। लेकिन भारत की कूटनीति ने पाकिस्तान को इस मुद्दे पर अलग-थलग कर दिया है। भारत का इंडोनेशिया के साथ बढ़ते संबंध पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहे हैं, क्योंकि इंडोनेशिया का इस्लामी दुनिया में एक प्रमुख स्थान है।
प्रधानमंत्री मोदी की इंडोनेशिया यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में इंडोनेशिया का दौरा किया था, जिसके दौरान दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया। इसके अलावा, पिछले साल रियो डी जनेरियो में मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो के बीच एक और महत्वपूर्ण मुलाकात हुई थी। 2018 में दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए थे। भारत और इंडोनेशिया की सेनाएं संयुक्त युद्धाभ्यास भी करती हैं, और 1997 से अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग चल रहा है।
इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल बेचने की तैयारी
भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के क्रम में, भारत जल्द ही इंडोनेशिया को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बेचने का फैसला अंतिम रूप दे सकता है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांतो तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं और इस दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर सहमति बनने की संभावना है। यह पहला मौका होगा जब इंडोनेशिया का मार्चिंग और बैंड दस्ता भारत के गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेगा, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और प्रगाढ़ होंगे।
हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की घेराबंदी
ब्रह्मोस मिसाइल भारत द्वारा निर्मित एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के देशों को चीन से आत्मरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान करेगी। फिलीपींस के बाद, अब इंडोनेशिया भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा, मलेशिया और वियतनाम जैसे अन्य देशों ने भी इस मिसाइल में दिलचस्पी दिखाई है।
चीनी आक्रामकता से निपटने के लिए ब्रह्मोस
रक्षा विशेषज्ञ कैप्टन डी.के. शर्मा के अनुसार, फिलीपींस हो या इंडोनेशिया, ये सभी देश दक्षिण चीन सागर में चीनी पोतों की आक्रामक गतिविधियों से परेशान हैं। चीन लगातार इन देशों की समुद्री सीमाओं में घुसपैठ कर रहा है, जिससे उनके मछुआरे अपनी समुद्री सीमाओं में मछली पकड़ने तक में असमर्थ हो रहे हैं। फिलहाल इन देशों की अपनी रक्षा क्षमताएं कमजोर हैं, इसलिए वे चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहे हैं। इसी कारण फिलीपींस ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी, और अब इंडोनेशिया भी ऐसा करने जा रहा है। अन्य देशों के भी जल्द ही ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की संभावना है, जिससे चीन की घेराबंदी के प्रयासों को और बल मिलेगा।