India Census - जातिगत गणना और जनगणना कराने की आधिकारिक अधिसूचना जारी, अगले साल की इस तारीख से होगा शुरू

India Census - जातिगत गणना और जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। जनगणना दो चरणों में होगी और यह पूरी तरह से डिजीटल होगी।

New Delhi  - देश में जातीय और जनगणना कराने को लेकर केंद्र सरकार ने अधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। सोमवार को इसको लेकर केंद्र सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि जनगणना दो चरणों में होगी और यह पूरी तरह से डिजीटल होगी। मतलब इस बार डाटा कागजों में नहीं बल्कि एक एप्प पर लिए जाएंगे। इस एप्प को 16 भाषाओं में तैयार किया जा रहा है।

1 मार्च से शुरू होगी जनगणना

भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी। इसके लिएराजपत्र अधिसूचनाजारी कर दी गई है।अधिसूचना के मुताबिक, 1 मार्च 2027 से शुरू होगी। जबकि लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फ से ढके गैर-समकालिक क्षेत्रों में जनगणना 1 अक्तूबर 2026 से शुरू होगी। 

दो चरणों में की जाएगी जनगणना
 जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण यानी मकान सूचीकरण और मकानों की गणना (एचएलओ) में प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण (जनसंख्या गणना) में प्रत्येक घर के हर व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण एकत्र किए जाएंगे।
 
 अमित शाह ने रविवार को की थी समीक्षा

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को जनगणना कराने की तैयारियों की समीक्षा की थी। उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, महापंजियन एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी।सरकारी बयान के अनुसार, यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी। इसके लिए मोबाइल एप तैयार किए जाएंगे और उसी में जनगणना से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की जाएगी। एप 16 भाषाओं में उपलब्ध होंगे।

35 लाख से ज्यादा लोग संभालेंगे जिम्मेदारी

गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था, '16वीं जनगणना में पहली बार जाति गणना शामिल होगी। 34 लाख गणक और सुपरवाइजर, 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी आधुनिक मोबाइल और डिजिटल उपकरणों के साथ यह कार्य करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में 1 अक्तूबर, 2026 से और देश के बाकी हिस्से में 1 मार्च, 2027 से जातियों की गणना और जनगणना का कार्य शुरू होगा।'

आजादी के बाद 8वीं बार होगी जनगणना
 यह जनगणना भारत की16वीं तथा स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना होगी। इस बार जनगणना डिजिटल माध्यम से मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये की जाएगी। नागरिकों के लिए स्व-गणना (सेल्फ-एन्यूमरेशन) की सुविधा भी उपलब्ध होगी। डाटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संग्रह, संचरण और भंडारण के दौरान कड़े सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पिछली जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी और यह जनगणना 16 वर्षों के अंतराल के बाद होगी।