Coronavirus Case: कोविड के बढ़ते मामलों के बीच हुआ बड़ा खुलासा! बताया अगले 10 दिनों में होगा कुछ अलग, सीवेज के पानी की जांच में पता चली अनोखी बात
Coronavirus Case: भारत में कोविड के एक्टिव केस 3400 के करीब पहुंच चुके हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। जानिए नए वेरिएंट, लक्षण, विशेषज्ञों की राय और बचाव के उपाय।
Coronavirus Case: भारत में कोविड-19 की एक नई लहर देखने को मिल रही है, जिसमें एक्टिव केस की संख्या 3400 के करीब पहुंच चुकी है। हालांकि, इसी अवधि में 1435 लोग संक्रमण से ठीक भी हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि मौजूदा कोविड वेरिएंट उतना घातक नहीं है जितना पहले देखा गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि हालात नियंत्रण में हैं और सरकार लगातार निगरानी कर रही है। घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सावधानी अत्यंत आवश्यक है।
मंत्रालय की सलाह
कोविड के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाएं।कोविड पॉजिटिव आने पर आइसोलेशन का पालन करें।भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति विशेष सतर्कता बरतें।
कोविड वेरिएंट: एनबी 1.8.1 और एलएफ.7 की भूमिका
भारत में जेएन.1 के उपवेरिएंट NB 1.8.1 और LF.7 के कारण कोविड मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि ये वेरिएंट तेजी से फैल सकते हैं, लेकिन इनके लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं।
वेरिएंट के सामान्य लक्षण
बुखार
नाक बहना
गले में खराश
सिरदर्द
थकान और शारीरिक कमजोरी
क्या हैं इन वेरिएंट की विशेषताए?
इम्यून सिस्टम को चकमा देने की सीमित क्षमता है।अब तक कोई ऐसा प्रमाण नहीं कि ये दीर्घकालिक गंभीर संक्रमण का कारण बनते हैं।अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय: खतरे से ज्यादा एहतियात जरूरी
ICMR के डीजी डॉ. राजीव बहल ने स्पष्ट किया है कि सरकार IDSP (Integrated Disease Surveillance Programme) के माध्यम से स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है। कोविड पर कार्यरत एक सीनियर विश्लेषक का कहना है कि अगले 7-10 दिनों में केस कम होने लगेंगे।
सीवेज निगरानी से क्या पता चलता है?
संक्रमण की डेंसिटी घट रही है।अभी की स्थिति में बूस्टर डोज की आवश्यकता नहीं।वायरस का प्रभाव तेज लेकिन कमजोर है
दिल्ली का हाल: एक मौत लेकिन परिस्थिति नियंत्रण में
दिल्ली में बीते 24 घंटों में 81 नए कोविड केस सामने आए और 71 वर्षीय व्यक्ति की मौत भी हुई। मरीज को निमोनिया था और किडनी फेलियर के कारण सेप्टिक शॉक हुआ। चूंकि व्यक्ति कोविड पॉजिटिव भी थे, विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड एक सहायक कारण हो सकता है, लेकिन मृत्यु का मुख्य कारण नहीं। अब तक दिल्ली में वर्ष 2025 में 3 मौतें दर्ज हुई हैं जबकि 318 मरीज पूरी तरह स्वस्थ भी हो चुके हैं।