Holi 2025: देशभर में होली की धूम,बिहार के कुछ हिस्सों में आज मनाया जा रहा रंगों का त्योहार, राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई
Holi 2025: दिल्ली से लेकर यूपी ,बंगाल तक लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगा कर होली की बधाई दे रहे हैं। ब्रज में भी होली भी धूम है।

Holi 2025: देशभर में होली का त्योहार हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह रंगों का त्योहार है, जो भारत के सबसे प्रमुख और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है।होली को पारंपरिक रूप से बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं और गिले-शिकवे भूलकर आपसी भाईचारे को बढ़ावा देते हैं। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन का भी संकेत देता है और प्रकृति की सुंदरता का जश्न मनाने का अवसर प्रदान करता है।
मथुरा में द्वारकाधीश मंदिर में भी होली की धूम रही। भक्त अपने आराध्य के साथ रंगों की बौछार में सराबोर हो गए। मंदिर में अबीर, गुलाल, केसर से होली खेली गई, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय और आनंदमय हो गया। देशभर से हजारों श्रद्धालु इस अनोखी होली का हिस्सा बनने के लिए मंदिर पहुंचे।बिहार के कुछ हिस्सों में आज होली खेली जा रही है तो बहुतायत हिस्सों में कल होली खेली जाएगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को होली की बधाई दी। राष्ट्रपति ने इस पर्व को एकता और भाईचारे का प्रतीक बताया, जबकि पीएम मोदी ने कहा कि मैं कामना करता हूं कि होली राष्ट्र की एकता के रंग को और गाढ़ा कर दे।होली से जुड़ी पौराणिक कथाओं में प्रह्लाद और होलिका की कहानी सबसे प्रसिद्ध है, जिसमें भक्त प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति से असत्य और अन्याय पर विजय प्राप्त की थी। इस कथा के आधार पर होलिका दहन (होली जलाना) की परंपरा शुरू हुई, जो बुराई को जलाने और अच्छाई को अपनाने का प्रतीक मानी जाती है।
भारत के विभिन्न हिस्सों में होली अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है। मथुरा-वृंदावन में इसे राधा-कृष्ण की लीलाओं के साथ जोड़कर विशेष रूप से मनाया जाता है, जबकि शांति निकेतन में इसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता है।इस दिन लोग गुलाल, अबीर और पानी वाले रंगों का उपयोग करते हैं। साथ ही, गुजिया, मालपुआ, ठंडाई जैसी पारंपरिक मिठाइयों का आनंद लिया जाता है।