Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से 3 की मौत, कई घायल, 40 मकान तबाह, जानें कैसी है ताजा स्थिति
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में बादल फटने और बाढ़ से भारी तबाही मची है। तीन लोगों की मौत, 40 मकान क्षतिग्रस्त, जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद। जानिए पूरी आपदा की स्थिति और सरकारी कार्रवाई।

Jammu And Kashmir Heavy Rain: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार (20 अप्रैल) को आई प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। सेरी बागना गांव में बादल फटने की घटना ने तीन लोगों की जान ले ली, जिनमें से दो अकीब अहमद और मोहम्मद साकिब सगे भाई थे। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत और मातम का माहौल छा गया है।
बाढ़ और बारिश से मची भारी तबाही
रामबन जिले के धर्म कुंड गांव में भारी बारिश और बादल फटने के कारण लगभग 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। तेज हवाएं, ओलावृष्टि और भूस्खलन के चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय लोगों की दुकानों, वाहनों और सम्पत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।स्थानीय निवासी ओम सिंह ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि जब मैं बाजार पहुंचा तो देखा कि मेरी दुकान समेत पूरा बाजार ही गायब हो गया था। ऐसा पहली बार देख रहा हूं।”
उपमुख्यमंत्री का घटनास्थल पर दौरा
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने घटनास्थल का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि जनता को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मैं स्वयं मौके पर पहुंचा हूं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस आपदा को लेकर पूरी तरह गंभीर है।उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सभी प्रभावित लोगों को राहत और पुनर्वास प्रदान किया जाएगा। पूर्व विधायक नीलम कुमार लंगेह ने भी पीड़ितों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है।
जम्मू-श्रीनगर हाईवे हुआ बंद
250 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, जो कश्मीर को भारत के अन्य भागों से जोड़ने वाला एकमात्र सड़क मार्ग है, बाढ़ और भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। प्रशासन ने बताया कि पंथियाल के पास सड़क का एक हिस्सा बह गया है, जिससे सैकड़ों यात्री इस मार्ग पर फंस गए हैं।हालांकि राहत की बात यह है कि सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। सड़क को दुरुस्त करने और यातायात बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
प्रशासन ने दिखाई तत्परता
राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं।प्रभावित गांवों में तंबू, भोजन और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की जा रही है।स्थानीय पंचायत और ब्लॉक स्तर पर सर्वे शुरू कर दिया गया है, ताकि वास्तविक नुकसान का आकलन कर सहायता प्रदान की जा सके।विशेषज्ञों की टीम इलाके में भूस्खलन और भू-जलस्तर की जांच कर रही है।